पाकिस्तान के युवा तेज गेंदबाज नसीम शाह (Naseem Shah) ने अपनी मां को खोने के बाद हुए संघर्षों पर खुलकर बातचीत की है। मां के साथ लगाव को उजागर करते हुए उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दौर में लगी चोटों की चिंताओं के बारे में भी बातचीत की। मां को जाने का दर्द सहन करने के बाद पाकिस्तान के लिए खेलते समय नसीम शाह ने मानसिक शक्ति को कैसे विकसित किया इसपर भी इस खिलाड़ी ने बोला है।
मां से बहुत जुड़ा हुआ था: नसीम शाह ने कहा, 'मैं अपनी मां से बहुत जुड़ा हुआ था। जब मैं 12 साल का था, तब मैंने क्रिकेट की वजह से घर छोड़ दिया था। मैं लाहौर शिफ्ट हो गया। जब मेरा डेब्यू हुआ, तो उन्होंने मुझे एक दिन पहले फोन किया और मैंने उससे कहा, 'कल मेरा डेब्यू है मां'। वह टीवी नहीं देखती थीं, उन्हें क्रिकेट की समझ नहीं थी। लेकिन मैंने उनसे कहा, 'तुम्हें कल खेल देखना चाहिए मां क्योंकि मैं खेल रहा हूं, मैं टीवी पर लाइव रहूंगा।'
हर जगह दिखती थीं मां: नसीम शाह ने कहा, 'मेरी मां बहुत खुश थीं, उन्होंने कहा कि वो मैच देखने के लिए लाहौर आएंगी। जब मैं सुबह सोकर उठा, तो मैनेजमेंट से कोई मेरे पास आया और कहा, तुम्हारी मां मर गईं। अगले छह-आठ महीने मैंने बहुत संघर्ष किया। आपके अंदर क्या चल रहा है, इसके बारे में कोई नहीं जानता। हर जगह मां ही दिखती थीं।'

