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सचिन तेंदुलकर समेत टीम इंडिया के 3 दिग्गजों ने वनडे क्रिकेट के मौजूदा नियमों पर उठाए सवाल

नई दिल्ली, 13 मई| भारत के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर वनडे में मौजूदा नियमों को बदलने की बात पर जोर दिया है। कई लोगों का मानना है कि वनडे में मौजूदा नियम बल्लेबाजों के पक्ष में

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Sachin Tendulkar
Sachin Tendulkar (IANS)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 13, 2020 • 04:50 PM

नई दिल्ली, 13 मई| भारत के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर वनडे में मौजूदा नियमों को बदलने की बात पर जोर दिया है। कई लोगों का मानना है कि वनडे में मौजूदा नियम बल्लेबाजों के पक्ष में ज्यादा हैं।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 13, 2020 • 04:50 PM

इस समय वनडे में एक पारी दो नई गेंदों से खेली जाती हैं। हर छोर से एक अलग गेंद का उपयोग किया जाता है। हर पारी को तीन पावरप्ले में बांटा जाता है।

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अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को प्रशंसकों को भारत की महान सलामी जोड़ी सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के बारे में याद दिलाया। इन दोनों ने वनडे में 176 साझेदारियां की हैं। इस दौरान इन दोनों ने 47.55 की औसत से 8227 रन बनाए।

आईसीसी ने इन दोनों के आंकड़े अपने ट्विटर पर डाले और लिखा, "वनडे में किसी और जोड़ी ने 6000 से ज्यादा का अांकड़ा पार नहीं किया है।"

सचिन ने इस ट्वीट पर लिखा कि अगर यह दोनों मौजूदा नियमों के साथ खेल रहे होते तो इससे भी ज्यादा रन बनाते।

सचिन ने ट्वीट किया, "इससे पुरानी यादें ताजा हो गई हैं दादी। आपको क्या लगता है कि अगर हम लोग घेरे के बाहर चार खिलाड़ियों और दो नई गेंदों के साथ खेलते तो कितने और रन बनाते।"

गांगुली ने इस पर तुरंत जवाब दिया, "4000 और रन.. दो नई गेंदें.. ऐसा लगता है कि जैसे पहले ओवर में कवर ड्राइव लगाई हो।"

भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह भी इसमें शामिल हुए और उन्होंने लिखा, "आराम से कुछ और हजार रन.. कितने खराब नियम हैं.. बल्ले और गेंद में सुंतलन बनाए रखने के लिए आईसीसी में गेंदबाजों की जरूत है। जब टीम 260/270 बनाती हैं तो मैच ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाता है आज के दौर में हर कोई 320/330 का स्कोर बना रहा है और इतना लक्ष्य हासिल भी कर रहा है।"

हरभजन के ट्वीट पर सचिन ने बुधवार को जवाब दिया और लिखा, "आपसे सहमत हूं भज्जी। मुझे भी लगता है कि नियम और पिचों पर ध्यान देना चाहिए।"

सचिन लंबे समय से वनडे में दो नई गेंदों के आलोचक रहे हैं। उनका मानना रहा है कि इससे गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग नहीं मिलेगी।
 

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