इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड की टीम को भारत के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 4-1 से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उस सीरीज का पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड ने ही जीता था और उप-कप्तान ओली पोप ने 196 रनों की मैराथन पारी खेलकर दौरे की शानदार शुरुआत की थी लेकिन इस पारी के बाद वो बाकी चारों टेस्ट में नाकाम रहे और अब उन्हें भारत दौरे की नाकामी पर दुख हो रहा है।
पोप ने भारत दौरे को याद करते हुए कहा है कि उन्हें इस बात का दुख है कि वो उस सीरीज में शानदार फॉर्म को जारी नहीं रख पाए। पोप ने ये भी कहा कि वो यशस्वी जायसवाल जैसा प्रदर्शन करना चाहते थे, जिन्होंने घरेलू टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। पोप ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 196 रन बनाने के अलावा अन्य नौ पारियों में 14 से कम की मामूली औसत से केवल 119 रन बनाए। इसके विपरीत, जायसवाल सीरीज़ के बल्लेबाज़ के रूप में उभरे, जिन्होंने 89 की औसत से 712 रन बनाए, जिसमें दो दोहरे शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं।
पोप ने डेली मेल से कहा, “भारत में हमारे प्रदर्शन के बाद, टीम के बारे में नकारात्मक बातें कही जाने लगीं, लेकिन हम समझ गए कि वहां जीतना क्रिकेट की सबसे बड़ी चुनौती है। जब मैंने 196 रन बनाए, तो मैंने उस लय को एक बड़ी सीरीज़ में ले जाने का दृढ़ निश्चय किया, यशस्वी जायसवाल के दृष्टिकोण के समान, जितना संभव हो सके उतने रन बनाने की कोशिश करना। हालांकि, मैं अपने खेल को बदलती परिस्थितियों के हिसाब से जल्दी से ढालने में विफल रहा, मौजूदा परिस्थितियों के बजाय शुरुआती टेस्ट मैच पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया।"