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IND vs ENG सीरीज में ओली पोप को रह गया एक मलाल, यशस्वी जायसवाल की तरह चाहते थे ढेर सारे रन बनाना

इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज ओली पोप ने भारत और इंग्लैंड के बीच संंपंन्न हुई टेस्ट सीरीज को याद करते हुए अपने एक मलाल के बारे में बताया है।

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IND vs ENG सीरीज में ओली पोप को रह गया एक मलाल, यशस्वी जायसवाल की तरह चाहते थे ढेर सारे रन बनाना
IND vs ENG सीरीज में ओली पोप को रह गया एक मलाल, यशस्वी जायसवाल की तरह चाहते थे ढेर सारे रन बनाना (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Aug 10, 2024 • 02:11 PM

इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड की टीम को भारत के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 4-1 से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उस सीरीज का पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड ने ही जीता था और उप-कप्तान ओली पोप ने 196 रनों की मैराथन पारी खेलकर दौरे की शानदार शुरुआत की थी लेकिन इस पारी के बाद वो बाकी चारों टेस्ट में नाकाम रहे और अब उन्हें भारत दौरे की नाकामी पर दुख हो रहा है।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
August 10, 2024 • 02:11 PM

पोप ने भारत दौरे को याद करते हुए कहा है कि उन्हें इस बात का दुख है कि वो उस सीरीज में शानदार फॉर्म को जारी नहीं रख पाए। पोप ने ये भी कहा कि वो यशस्वी जायसवाल जैसा प्रदर्शन करना चाहते थे, जिन्होंने घरेलू टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। पोप ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 196 रन बनाने के अलावा अन्य नौ पारियों में 14 से कम की मामूली औसत से केवल 119 रन बनाए। इसके विपरीत, जायसवाल सीरीज़ के बल्लेबाज़ के रूप में उभरे, जिन्होंने 89 की औसत से 712 रन बनाए, जिसमें दो दोहरे शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं।

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पोप ने डेली मेल से कहा, “भारत में हमारे प्रदर्शन के बाद, टीम के बारे में नकारात्मक बातें कही जाने लगीं, लेकिन हम समझ गए कि वहां जीतना क्रिकेट की सबसे बड़ी चुनौती है। जब मैंने 196 रन बनाए, तो मैंने उस लय को एक बड़ी सीरीज़ में ले जाने का दृढ़ निश्चय किया, यशस्वी जायसवाल के दृष्टिकोण के समान, जितना संभव हो सके उतने रन बनाने की कोशिश करना। हालांकि, मैं अपने खेल को बदलती परिस्थितियों के हिसाब से जल्दी से ढालने में विफल रहा, मौजूदा परिस्थितियों के बजाय शुरुआती टेस्ट मैच पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया।"

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आगे बोलते हुए पोप ने कहा, "भारत में पांच मैचों की सीरीज निराशाजनक थी क्योंकि इसने फॉर्म हासिल करने का अवसर दिया, लेकिन इसे खोने का जोखिम भी था। 10 पारियों के दौरान, मेरे साथ बिल्कुल यही हुआ। कुछ मौके ऐसे भी आए जब मैंने अच्छा महसूस किया और खुद को सेट किया और अगर मैंने 80 और दो 50 रन बनाकर इसका फायदा उठाया होता, तो परिणाम बहुत अलग होता। वास्तव में निराशाजनक हिस्सा कम स्कोर नहीं है, बल्कि वो मौके चूकना है जब मैंने खुद को तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत की थी।"

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