आज ही के दिन युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ ने लॉर्डस में भारत को दिलाई थी एतेहासिक जीत
नई दिल्ली, 13 जुलाई | आज ही के दिन 13 जुलाई को 18 साल पहले सौरव गांगुली की युवा टीम ने वो उपलब्धि हासिल की थी जो हर भारतीय के दिमाग में हमेशा के लिए घर कर गई थी, जिसे
नई दिल्ली, 13 जुलाई | आज ही के दिन 13 जुलाई को 18 साल पहले सौरव गांगुली की युवा टीम ने वो उपलब्धि हासिल की थी जो हर भारतीय के दिमाग में हमेशा के लिए घर कर गई थी, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता और इस कहानी की इबारत लिखी थी गांगुली की टीम के दो युवा- युवारज सिंह और मोहम्मद कैफ ने। भारत ने 2002 में लॉर्डस मैदान पर नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
नासीर हुसैन की कप्तानी वाली इंग्लैंड टीम ने उस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट के नुकसान पर 325 रन बनाए थे। मार्कस ट्रैस्कोथिक ने 109 और कप्तान हुसैन ने 115 रनों की पारियां खेली थीं।
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विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने पहले विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी की थी। लेकिन यहां से टीम अचानक से लड़खड़ा गई और 24 ओवरों में उसका स्कोर 146 रनों पर पांच विकेट हो गया।
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गांगुली के आउट होन के बाद भारत ने नियमित अंतराल पर सहवाग, दिनेश मोंगिया, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के विकेट खो दिए।
यहां से कैफ और युवराज ने पारी को संभाला और साझेदारी करते हुए टीम की जीत की दहलीज पर ले गए।
दोनों ने मिलकर 106 गेंदों पर 121 रनों की साझेदारी की और भारत को वापस मैच में ला दिया। पॉल कॉलिंगवुड ने युवराज को 69 के निजी स्कोर पर पवेलियन भेज दिया और यहां लगा कि भारत जीत से महरूम हो सकता है। कैफ ने हालांकि हरभजन सिंह के साथ 47 रनों की साझेदारी कर टीम को मैच में ही बनाए रखा।
हरभजन और अनिल कुंबले के आउट होने के बाद भी कैफ ने एक छोर संभाले रखते हुए भारत को जीत दिलाई। कैफ 75 गेंदों पर 87 रन बना नाबाद लौटे।
मैच मे जीत हासिल करने के बाद कप्तान गांगुली ने लॉर्डस मैदान की बालकनी में टी-शर्ट उतार कर लहराई थी जिसकी चर्चा आजतक होती रहती है। इस मैच को गांगुली की इस हरकत के लिए भी हमेशा याद किया जाएगा।