लड़कों से शर्त लगाकर खेलती थी मैच, आज टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड कप खेल रही है ये लड़की
आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2022 के अपने दूसरे मुकाबले में टीम इंडिया को न्यूज़ीलैंड के हाथों 62 रनों से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस हार में भी महिला टीम के लिए पूजा वस्त्रकर ने एकतरफा लड़ाई लड़ी। इस
आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2022 के अपने दूसरे मुकाबले में टीम इंडिया को न्यूज़ीलैंड के हाथों 62 रनों से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस हार में भी महिला टीम के लिए पूजा वस्त्रकर ने एकतरफा लड़ाई लड़ी। इस मैच में पूजा वस्त्रकर (Pooja Vastrakar) ने 4 विकेट लेकर लाइमलाइट लूट ली।
पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए पहले मैच में भी टीम इंडिया को बीच मझधार से निकालने वाली पूजा वस्त्रकर (Pooja Vastrakar) ही थी। इस वर्ल्ड कप में पूजा टीम इंडिया के लिए एक अहम खिलाड़ी बनकर उभरी हैं। पूजा का नाम कई फैंस पहली बार भी सुन रहे होंगे ऐसे में आपको पूजा के संघर्ष की कहानी जानना और भी जरूरी हो जाता है।
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पूजा वस्त्राकर का जन्म 25 सितंबर 1999 को मध्यप्रदेश के शहडोल में हुआ था। पूजा जब महज 10 साल की थीं तो उनकी मां उनका साथ हमेशा के लिए छोड़ कर चली गई। मां के निधन के बाद पूजा की जिंदगी बिल्कुल भी आसान नहीं थी। लेकिन तब बीएसएनएल में काम करने वाले उनके पिता ने एक मां और बाप दोनों का फर्ज निभाया।
पूजा ने करीब 13 साल की उम्र में अपनी कॉलोनी में ही लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया और ये वो समय था जब उन्हें क्रिकेट से प्यार होना शुरू हो गया था लेकिन लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने के चलते उन्हें काफी ताने भी सुनने पड़ते थे। उनसे कई बार ये भी कहा गया कि ‘लड़की हो पढ़ाई करो, पढ़ाई पर ध्यान दो, इससे हमारे घर के बच्चों पर असर पड़ेगा।’
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इतने ताने सुनने के बाद भी पूजा ने हार नहीं मानी और लड़कों के साथ ही शर्त लगाकर क्रिकेट खेलती रही और ऐसे ही एक दिन चौके-छक्के लगाते हुए उन्हें उनके कोच आशुतोष श्रीवस्तव ने देख लिया। इसके बाद आशुतोष ने पूजा को उनके पास कोचिंग के लिए आने के लिए कहा और उसके बाद से ही पूजा ने पीछे पलट कर नहीं देखा और आज उनकी कहानी करोड़ों लड़कियों के लिए मिसाल बन चुकी है।