पृथ्वी शॉ को एक समय भारतीय क्रिकेट में अगली बड़ी चीज़ माने जा रहे थे। उन्होंने टेस्ट डेब्यू में शतक जड़कर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शानदार शुरुआत भी की थी। हालांकि, उसके बाद उनका करियर उस तरह से नहीं गुजरा जैसा उन्होंने सोचा था। राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पदार्पण के पांच साल बाद, शॉ ने केवल पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी-20 खेला है। उनके इस छोटे से करियर में कई सारे विवाद भी देखने को मिले हैं।
शॉ इस समय इतना पिछड़ गए हैं कि उन्हें उस टीम के लिए भी नहीं चुना गया जो 2023 एशियाई खेलों में भाग लेगी। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सेलेक्टर्स पृथ्वी को टीम इंडिया में लेने के बारे में सोच ही नहीं रहे हैं। हालांकि, इसी बीच पृथ्वी ने अपना दर्द भी बयां किया है। हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने ये भी बताया है कि उन्हें ये तक नहीं बताया गया कि आखिर उन्हें क्यों बाहर किया गया।
क्रिकबज्ज से बातचीत के दौरान पृथ्वी शॉ ने कहा, "जब मुझे (भारतीय टीम से) बाहर किया गया, तो मुझे इसका कारण पता नहीं चला। कोई कह रहा था कि ये फिटनेस हो सकता है। लेकिन निश्चित रूप से, मैं यहां (बेंगलुरु) आया और एनसीए में सभी परीक्षण पास कर लिए। फिर रन बनाए और फिर टी-20 टीम में वापसी भी की लेकिन वेस्टइंडीज में दोबारा मौका नहीं मिला। मैं निराश हूं लेकिन आपको बस आगे बढ़ना है। मैं कुछ नहीं कर सकता, मैं लड़ नहीं सकता।"