'ना तो विराट कोहली ना ही रवि शास्त्री संजू सैमसन ने सोची थी ये बात'
भारत के पूर्व फील्डिंग कोच R Sridhar ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह से संजू सैमसन ने पहली बार कन्कशन स्वैप के बारे में सोचा था।
साल 2020 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज के पहले टी20I मैच में रवींद्र जडेजा के साथ युजवेंद्र चहल के concussion swap टीम इंडिया का एक मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ था। इस मैच में बतौर concussion सबस्टिट्यूट आए युजवेंद्र चहल को मैन ऑफ द मैच चुना गया था। भारत के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने खुलासा करते हुए बताया है कि ये विचार संजू सैमसन के तेज दिमाग से पैदा हुआ था।
अपनी किताब 'कोचिंग बियॉन्ड- माई डेज विद द इंडियन क्रिकेट टीम' में श्रीधर ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया है कि कैसे संजू सैमसन ने कोच रवि शास्त्री को सुझाव दिया था कि वो जडेजा की जगह दूसरे हाफ में कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल को टीम में शामिल करने के बारे में सोचें।
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श्रीधर ने अपनी किताब में लिखा, 'मैं डगआउट में था, ऑस्ट्रेलिया के रनचेज से पहले टीम इंडिया की पारी के बाद तुरंत फील्डिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए तैयार था। मेरी तरफ संजू सैमसन और मयंक अग्रवाल बैठे थे। अचानक, संजू ने कहा, 'सर, गेंद जड्डू के हेलमेट से हिट हुई है ना? हम कनकशन रिप्लेसमेंट की तलाश क्यों नहीं लेते? हम जड्डू की जगह एक और गेंदबाज ला सकते हैं।'
श्रीधर कहते हैं कि ये वो पल था जब उन्हें समझ में आया कि सैमसन खेल में कितना शामिल हैं और उनके अंदर कप्तानी के गुण हैं। श्रीधर ने अपनी किताब में लिखा, 'यही वह पल था जहां मैंने उस युवा खिलाड़ी में एक कप्तान को देखा। मैंने उनसे रवि के पास जाने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का आग्रह किया, और रवि ने भी संजू की सोच में योग्यता देखी।'
श्रीधर ने लिखा, 'कन्कशन नियमों ने हमें एक खिलाड़ी के सिर पर चोट लगने पर बदलाव करने की अनुमति दी, इसलिए जब जडेजा मैदान से बाहर आए, तो रवि ने उनसे कहा, 'अच्छा खेला, अब ड्रेसिंग रूम में जाओ, अपने लिए आइस-पैक करो और चुपचाप बैठ जाओ।'
श्रीधर ने लिखा, 'संजू की तेज सोच ही थी जिसके कारण चहल को टीम में शामिल किया गया था। वह एक ऐसी घटना है जो जीवन भर मेरे साथ रहेगी। वहीं आपने संजू में एक कप्तान को देखा, आपने एक नेता को देखा जो खेल के बारे में सोच रहा था। वह इस बारे में नहीं सोच रहा था कि वह कैसे आउट हुआ, वह टीम के लिए सोच रहा था।'
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श्रीधर ने लिखा, 'यह रिवर्स लर्निंग का एक क्लासिक मामला था। ना तो रवि और न ही विराट ने इस परिदृश्य के बारे में सोचा था। संजू ने पल भर में चीजों का सार निकाल दिया और अपने विचार व्यक्त करने से नहीं डरे।'