भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि भविष्य में टीम चयन में कप्तान और कोच की भूमिका होनी चाहिए। भारतीय क्रिकेट में कप्तान द्विपक्षीय सीरीज या आईसीसी टूर्नामेंट से पहले इनपुट देने के लिए चयन समिति हिस्सा होता है, लेकिन अंतिम टीम चुनने का निर्णय पांच सदस्यीय चयन पैनल के पास है। दूसरी ओर, मुख्य कोच का चयन के मामलों में कोई दायित्व नहीं होता। यह ऑस्ट्रेलिया में चयन प्रणाली के बिल्कुल विपरीत है, जहां मुख्य कोचों को टीम का चयन करने के लिए कहा जाता है। वहीं, इंग्लैंड में भी मुख्य कोच चयनकर्ता होता है।
शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स के शो बोल्ड एंड ब्रेव पर कहा, "मुझे लगता है कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि टीम चयन में कप्तान और कोच की बात होनी चाहिए। दोनों को आधिकारिक तौर पर अपनी बात रखनी चाहिए। खासकर अगर कोच मेरे जैसा अनुभवी हो या फिर राहुल द्रविड़ जैसा हो।"
भारत के लिए एक ऑलराउंडर के रूप में खेलने और घरेलू क्रिकेट में मुंबई की कप्तानी करने वाले शास्त्री का मानना है कि कप्तान को व्यक्तिगत रूप से चयन बैठक में होना चाहिए, फोन पर या बाहर नहीं। ताकि उन्हें चयनकर्ताओं की मानसिकता देखने को मिले।'