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'Real Hero' सुशील कुमार और परमजीत सिंह, पंत को था मौत से मुंह से बचाया; VVS Laxman से लेकर हरभजन सिंह तक ने किया सलाम

ऋषभ पंत की मदद करने वाले बस ड्राइवर सुशील कुमार और कंडक्टर परमजीत सिंह ने इंसानियत की मिसाल पेश की है।

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Cricket Image for 'Real Hero' सुशील कुमार और परमीज सिंह, पंत को था मौत से मुंह से बचाया; VVS Laxman
Cricket Image for 'Real Hero' सुशील कुमार और परमीज सिंह, पंत को था मौत से मुंह से बचाया; VVS Laxman (Image Source: Google)
Nishant Rawat
By Nishant Rawat
Dec 31, 2022 • 11:34 AM

ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का शुक्रवार (30 दिसंबर) को भयानक एक्सीडेंट हुआ। सड़क दुर्घटना में पंत बेहद बुरी तरह चोटिल हो गए थे, ऐसे में हरियाणा रोडवेज (Haryana Roadways) के बस ड्राइवर सुशील कुमार (Sushil Kumar) एक मसीहा बनकर आए। सुशील कुमार ने अपने साथी परमजीत (Pramjit) (बस कंडक्टर) के साथ मिलकर ऋषभ पंत की निस्वार्थ भाव से मदद की और खून से लथपथ क्रिकेटर को अस्पताल तक पहुंचाया। अब पूरा क्रिकेट जगत सुशील कुमार और परमजीत को सैल्यूट कर रहा है। सोशल मीडिया पर सभी इन दोनों व्यक्तियों को रियल लाइफ हीरो कह रहे हैं।

Nishant Rawat
By Nishant Rawat
December 31, 2022 • 11:34 AM

वीवीएस लक्ष्मण और हरभजन सिंह ने किया सलाम: इस घटना की जानकारी सामने आते ही सभी सुशील और परमजीत के दीवाने हो चुके हैं। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण और हरभजन सिंह भी इन्हीं में से एक हैं। सोशल मीडिया पर इन दोनों ही दिग्गजों ने सुशील और परमजीत को रियल हीरो कहा है। वीवीएस ने लिखा, 'ऋषभ पंत को जलती हुई कार से दूर ले जाने वाले हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर सुशील कुमार का आभार। उसे (ऋषभ पंत को) बेडशीट में लपेट कर एंबुलेंस बुलाई। आपकी निस्वार्थ सेवा के लिए हम आपके बहुत ऋणी हैं सुशील जी। #RealHero’

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उन्होंने आगे एक दूसरे ट्वीट में लिखा, 'बस कंडक्टर परमजीत का भी विशेष उल्लेख करना चाहूंगा। परमजीत ने ड्राइवर सुशील के साथ मिलकर ऋषभ की मदद की। इन निस्वार्थ लोगों का बहुत आभारी हूं, जिनके पास प्रेजेंस ऑफ माइंड और बड़ा दिल है। उनका और मदद करने वाले अन्य सभी का आभार।' वीवीएस के इस ट्वीट को हरभजन सिंह ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से रिट्वीट करके सुशील और परमजीत को रियल हीरो कहकर आभार किया।

सुशील कुमार ने बताई घटना की कहानी: सुशील कुमार कहते हैं, 'उसने बोला कि नहीं मैं अकेला हूं। मेरा नाम ऋषभ पंत है। मैंने उन्हें बाहर निकालकर डिवाइडर पर लेटने के लिए कहा लेकिन वो खुद अपने सहारे खड़े हो गए। ऋषभ पंत के शरीर पर कोई कपड़े नहीं था। मैंने उन्हें एक चादर दी। वो एक पैर से लंगड़ा भी रहे थे। हादसा बहुत ही भयानक था। इसके बाद मैंने पुलिस और नेशनल हाईवे वाले लोगों को इस घटना से अवगत करवाया।

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गौरतलब है कि जिस तरह सुशील और परमजीत ने ऋषभ पंत को बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है जिसके लिए दोनों को ही सम्मानित भी किया गया है। हरियाणा राज्य परिवहन निगम के पानीपत डिपो के महाप्रबंधक कुलदीप जांगड़ा ने कहा, ‘पानीपत लौटने पर हमने उन्हें अपने कार्यालय में एक प्रशंसा पत्र और एक स्मृति चिह्न प्रदान किया।’

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