'मेरा पेशा क्रिकेट खेलना नहीं बल्कि एक्टिंग है', टैक्स बचाने के लिए सचिन तेंदुलकर ने खेला था गेम
इनकम टैक्स सुर्खियों में हैं। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने एक बार टैक्स से बचने के लिए खुदको क्रिकेटर की जगह एक्टर बताया था।
Sachin Tendulkar income tax: भारत में क्रिकेटर्स की फैन फॉलोइंग किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है। आज के टाइम में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं बल्कि क्रिकेटर्स के लिए पैसा कमाने का एक जरिया है। विराट कोहली से लेकर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) तमाम ऐसे क्रिकेटर्स हैं जो क्रिकेट खेलकर आज अरबपति बन गए हैं। लेकिन, क्या आप इस वाक्ये से वाकिफ हैं कि एकबार कैसे सचिन तेंदुलकर ने टैक्स बचाने के लिए एक बार कहा था कि इनकम के लिए उनका मुख्य प्रोफेशन क्रिकेट खेलना नहीं बल्कि एक्टिंग है।
बात साल 2011 की जब सचिन तेंदुलकर ने पेप्सिको और वीजा कंपनियों से 5.92 करोड़ रुपये की कमाई की थी। टैक्स बचाने के लिए सचिन ने IT Act के सेक्शन 80RR के तहत 1.77 करोड़ रुपये की छूट का दावा किया था। (क्या है 80RR: इस एक्ट के तहत अगर कोई सेलेब्स अपने काम के जरिए विदेशों से कमाई करता है तो उस रकम के एक हिस्से में टैक्स छूट ले सकता है।'
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सचिन तेंदुलकर का पक्ष था कि उन्होंने ये कमाई विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप के जरिए की है क्रिकेट खेलने से नहीं की है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने साफ तौर पर कहा था कि इस आय के लिए उनका मुख्य प्रोफेशन क्रिकेट खेलना नहीं बल्कि एक्टिंग है। सचिन ने अपना प्रोफेशन एक्टिंग करना बताया ना कि क्रिकेट खेलना और ऐसा करने का उन्हें फायदा भी हुआ।
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सचिन का पक्ष सुनने के बाद टैक्स अथॉरिटी ने सचिन तेंदुलकर के एक्टर होने के दावे को स्वीकार किया और उन्हें टैक्स में छूट दी। ट्रिब्यूनल ने इस बात को माना कि विज्ञापन करते वक्त सचिन को लाइट और कैमरे का सामना करना पड़ता है जो कि एक्टर का ही काम है। बता दें कि सचिन तेंदुलकर साल 2010 में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले खिलाड़ी थे। सचिन तेंदुलकर के इंटरनेशनल करियर की बात करें तो इस खिलाड़ी ने भारत के लिए 463 वनडे मैचों में 18426 रन वहीं 200 टेस्ट मैचों में 15921 रन बनाए।