36 साल के शेल्डन जैक्सन ने नहीं मानी है अभी हार, बोले- 'धोनी और कार्तिक को देखकर मिलती है मोटिवेशन'
सौराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले शेल्डन जैक्सन अभी भी भारत के लिए खेलने का सपना छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें एमएस धोनी और दिनेश कार्तिक को देखकर मोटिवेशन मिलती
सौराष्ट्र के अनुभवी बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन अपनी घरेलू टीम के लिए रनों का अंबार लगा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद अभी भी वो भारतीय टीम में खेलने का सपना पूरा नहीं कर पाए हैं। 36 साल के हो चुके जैक्सन अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं और शायद यहां से टीम इंडिया के लिए खेलना उनके लिए बहुत मुश्किल होगा लेकिन जैक्सन हैं कि हार मानने को तैयार नहीं हैं।
जैक्सन ने अभी भी भारत के लिए खेलने का सपना नहीं छोड़ा है और उनका कहना है कि वो दिनेश कार्तिक और एमएस धोनी जैसे खिलाड़ियों को देखकर काफी मोटिवेशन लेते हैं। शेल्डन जैक्सन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए आईपीएल भी खेल चुके हैं और वो दिनेश कार्तिक के साथ उस टीम का हिस्सा भी थे। यही कारण है कि जैक्सन डीके को अच्छे से जानते हैं और जिस तरह से डीके ने भारतीय टीम के लिए वापसी की थी वैसे ही वो भी कुछ उम्मीद कर रहे हैं।
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स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत के दौरान शेल्डन जैक्सन ने कहा, "जब मैं दिनेश कार्तिक और एमएस धोनी को देखता हूं तो प्रेरित होता हूं। मैं केकेआर में उनके (कार्तिक) साथ था और मैंने उनका पूरा बदलाव देखा है। वो मेरे लिए एक सच्ची प्रेरणा हैं और मेरे करियर के जिस पड़ाव पर मैं हूं, वो मेरे लिए एक प्रेरणा हैं। यदि आपको मौका नहीं मिलता है तो आप कहां प्रभाव डालेंगे? मैं कभी भी किसी के चयन पर टिप्पणी नहीं कर सकता। मैं केवल अपने बारे में पूछ सकता हूं कि मुझे क्यों नहीं चुना गया। मैं कभी भी चयनकर्ता को फोन नहीं करूंगा और पूछूंगा कि मुझे क्यों नहीं सेलेक्ट किया।"
आगे बोलते हुए जैक्सन ने कहा, "अगर मैं अच्छा नहीं होता, तो मैं पचास के करीब औसत के साथ 90 से ज्यादा मैच नहीं खेल पाता। मेरे लाल गेंद के आंकड़े और सफेद गेंद के आंकड़े दो अलग चीजें हैं। इतने सालों तक मेरा समर्थन करने के लिए मैं सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन का आभारी हूं। शाह परिवार ने मेरा बहुत समर्थन किया है। अब मैं सौ मैचों तक पहुंचने वाला हूं और समर्थन के कारण ही मैं यहां तक पहुंचा हूं। मेरे लिए भी ऐसा ही है क्योंकि कभी-कभी एक खिलाड़ी के रूप में यह निराशाजनक हो जाता है कि आपको नहीं चुना जाता है।”