'गंभीर को बताना होगा कि विराट वो शॉट मत खेलो', योगराज ने बताया विराट कोहली की प्रोब्लम का सोल्यूशन
हाल ही में संपंन्न हुए ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर विराट कोहली 8 बार ऑफ स्टंप के बाहर जाने वाली गेंद पर आउट हुए जिसके बाद कई क्रिकेट पंडित उन्हें सलाह देते हुए नजर आ रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपंन्न हुई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में टीम इंडिया की 3-1 से हार और विराट कोहली के खराब प्रदर्शन के बाद पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने भारतीय टीम प्रबंधन को आड़े हाथों लिया है। सिडनी में भारत के अपने अंतिम टेस्ट मैच में हार के दिन बोलते हुए, योगराज ने कहा कि शीर्ष स्तर पर गौतम गंभीर को कोच की बजाय मैन-मैनेजर की भूमिका निभानी चाहिए थी।
योगराज ने विराट कोहली के एक ही तरह से आउट होने के बारे में भी बात की। विराट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचों टेस्ट मैचों में 8 बार ऑफ स्टंप के बाहर जाने वाली गेंद पर आउट हुए। युवी के पापा योगराज सिंह ने कहा कि गौतम गंभीर की जिम्मेदारी थी कि वो कोहली से जाकर कहते कि ऑफ-स्टंप चैनल गेंदों को कवर्स की तरफ न खेलो।
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योगराज सिंह ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा, "जब आप भारत के लिए खेल रहे होते हैं तो कोच की भूमिका एक महत्वपूर्ण प्रश्न बन जाती है। जब आप भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एक असाधारण खिलाड़ी होते हैं, तो आपको पारंपरिक अर्थों में कोचिंग की आवश्यकता नहीं होती है। आपको वास्तव में मैन मैनेजमेंट के लिए किसी की आवश्यकता होती है। कभी-कभी, एक खिलाड़ी का दिमाग ब्लॉक हो जाता है; हो सकता है कि वो रन न बना पाएं या वो बार-बार आउट हो रहे हों। कोई भी खिलाड़ी कितना भी महान क्यों न हो, वो खेल से बड़ा नहीं हो सकता।"
आगे बोलते हुए योगराज ने कहा, "ऐसे खिलाड़ियों को किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होती है जो उनका मार्गदर्शन करे, कहे, 'चलो नेट्स पर चलते हैं और इस पर काम करते हैं। उदाहरण के लिए, विराट कोहली अपने पसंदीदा शॉट दाएं हाथ से पुश खेलते हुए कई बार आउट हो गए। ये शॉट भारतीय पिचों, इंग्लैंड और अन्य जगहों पर कारगर है। लेकिन कुछ पिचों पर जहां गेंद उछलती है और अधिक उछलती है, किसी को उन्हें ये बताना चाहिए था, 'विराट, ये शॉट मत खेलो'। बस सीधा खेलो या इस गेंद को छोड़ दोय़"
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अपनी बात खत्म करते हुए योगराज ने कहा, "ये कोचिंग और प्रबंधन के बीच अंतर को दर्शाता है। किसी खिलाड़ी की तकनीकी गलती को पहचानना और उसे इंगित करना ही कोचिंग है। किसी को इन तकनीकी मुद्दों को पहचानना और खिलाड़ियों तक पहुंचाना चाहिए। लेकिन रोहित शर्मा या विराट कोहली को कौन बताएगा? वो भी चाहते हैं कि कोई आए और उन्हें बताए कि क्या गलत हो रहा है।"