'सज़ा ऐसी होनी चाहिए कि कभी कोई दोबारा हिम्मत ना करे', कोलकाता रेप मर्डर केस पर सौरव गांगुली ने भी तोड़ी चुप्पी
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी कोलकाता रेप मर्डर केस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। गांगुली ने कहा है कि दोषी को ऐसी सज़ा देनी चाहिए जिससे दोबारा कोई ऐसा काम करने की हिम्मत ना करे।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। पूरे देश में इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश के तहत अब इस घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है।
इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है जबकि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली, जो बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, ने भी इस घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। गांगुली ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए। कोलकाता से ताल्लुक रखने वाले पूर्व भारतीय स्टार ने कहा कि उनकी पहले दी गई टिप्पणियों को भी गलत संदर्भ में लिया गया था।
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सौरव गांगुली ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "मैंने पिछले रविवार को कहा था, मुझे नहीं पता कि इसे किस तरह से समझा गया या इसकी व्याख्या की गई। मैंने पहले भी कहा है, ये एक भयानक बात है। अब सीबीआई, पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो कुछ हुआ है, वो बहुत शर्मनाक है। मुझे उम्मीद है कि मामले की जांच कर रही सीबीआई को एक बार दोषी का पता चल जाने पर उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए। सजा ऐसी होनी चाहिए कि कोई भी अपने जीवन में दोबारा ऐसा अपराध करने की हिम्मत न करे। ये महत्वपूर्ण है। सजा कड़ी होनी चाहिए।"
VIDEO | Kolkata medic rape-murder case: "...this is a terrible thing, and what has happened is very shameful. The CBI and the police are investigating this, and I hope the strictest of punishment will be given to the accused," says former India cricketer Sourav Ganguly… pic.twitter.com/Q9N8wuk0fN
— Press Trust of India (@PTI_News) August 17, 2024
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इस घटना को लेकर बढ़ते विरोध के बीच, भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, जिसके दौरान नियमित ओपीडी सेवाएं और वैकल्पिक सर्जरी नहीं की जाएंगी। हालांकि, सभी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से जनहित में अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है और उन्हें आश्वासन दिया है कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।