'वो ऐसा ही है, उसे रहने दो', गंभीर-पोंटिंग बवाल पर गांगुली ने दिया रिएक्शन
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के द्वारा दिए गए बयानों पर सौरव गांगुली ने अपना रिएक्शन दिया है।
कुछ दिन पहले भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने रिकी पोंटिंग को आड़े हाथों लेते हुए उनकी विराट कोहली पर की गई तीखी टिप्पणी पर रिएक्ट करते हुए कहा था कि उनका भारतीय क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं है और उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए।जवाब में पोंटिंग ने गंभीर पर पलटवार करते हुए उन्हें "चिढ़चिढ़ा कैरेक्टर" तक कह दिया।
अब पोंटिंग और गंभीर के बीच चल रही इस जुबानी जंग पर पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने रिएक्ट किया है। गांगुली का मानना है कि गंभीर ऐसे ही हैं, इसलिए उन्हें छोड़ देना चाहिए। रेवस्पोर्ट्ज़ से बात करते हुए गांगुली ने कहा, "उसे रहने दो। मैंने उसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी जिसके चलते उनकी आलोचना की जा रही है। वो ऐसा ही है। उसे रहने दो। जब उसने आईपीएल जीता था, तब भी वो ऐसा ही था। आप उस पर हावी हो रहे हो। सिर्फ इसलिए कि उसने श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैच की सीरीज गंवा दी, सीधी बात को अच्छी तरह से नहीं देखा गया है। लेकिन वो ऐसा ही है।"
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इससे पहले गंभीर ने पोंटिंग को आड़े हाथों लेते हुए कहा था, "पोंटिंग का भारतीय क्रिकेट से क्या लेना-देना है? उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के बारे में सोचना चाहिए। हमें कोहली या रोहित के बारे में कोई चिंता नहीं है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत कुछ हासिल किया है और भविष्य में भी ऐसा करेंगे।"
गंभीर की इस टिप्पणी पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं, जिसमें टिम पेन ने भी गंभीर को "चिढ़चिढ़ा कैरेक्टर" करार दिया, जबकि पोंटिंग ने ये भी स्पष्ट किया कि उन्होंने आगामी सीरीज में कोहली के अच्छे प्रदर्शन का समर्थन किया है। गांगुली, जो पहले भी गंभीर के साथ मैदान साझा कर चुके हैं, का मानना है कि कोच पर की गई आलोचना समय से पहले की बात है।
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उन्होंने कहा, "जब से मैंने क्रिकेट देखा है, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आपके लिए मुश्किल रहे हैं। उन्होंने अपना क्रिकेट इसी तरह खेला है, चाहे वो वॉ, पोंटिंग या हेडन हों। गंभीर ने जो कहा है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। वो लड़ता है और प्रतिस्पर्धा करता है। हमें उसे एक मौका देना चाहिए। अभी दो या तीन महीने ही हुए हैं और आप उस पर फैसला सुना रहे हैं।"