श्रीनिवासन ने दोषी खिलाड़ी को लगाई थी फटकार : बीसीसीआई
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले की जांच कर रही न्यायमूर्ति मुद्गल कमेटी के निष्कर्षों को खारिज
नई दिल्ली,21 नवंबर (हि.स.) । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले की जांच कर रही न्यायमूर्ति मुद्गल कमेटी के निष्कर्षों को खारिज करते हुए कहा कि खिलाड़ी द्वारा उल्लंघन की प्रकृति 'मामूली' थी और दोषी खिलाड़ी को 'मौखिक रूप से फटकार' लगाई गई थी। इस मामले में एन.श्रीनिवासन की किसी प्रकार की भूमिका से बीसीसीआई ने इनकार किया है।
शीर्ष क्रिकेट निकाय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि रिपोर्ट का विश्लेषण करने के लिए 18 नवंबर को बीसीसीआई कार्यसमिति की बैठक हुई थी और यह समझा गया कि घटना एक विदेश दौरे की है जिसमें रंजीत बिस्वाल टीम मैनेजर थे।
Trending
कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि बैठक में बिस्वाल ने बताया कि घटना व्यक्तिगत-3 (खिलाडी) द्वारा खिलाड़ियों की आचार संहिता के उल्लंघन (प्लेयर्स कोड ऑफ कंडक्ट) की है और इस संबंध में बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष शशांक मनोहर को सूचित कर दिया गया था।
बीसीसीआई ने कहा कि खिलाड़ी द्वारा किये गये उल्लंघन की प्रकृति मामूली थी और खिलाड़ी को मौखिक रूप से फटकार लगायी गयी थी। बीसीसीआई के हलफनामे के साथ बिस्वाल ने पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताते हुए दूसरा हलफनामा भी दायर किया। पूरी रिपोर्ट में खिलाड़ी का नाम नहीं लिया गया है।
मुद्गल समिति ने अपनी रिपोर्ट 17 नवंबर को सौंपी थी, जिसमें कहा गया है कि एन. श्रीनिवासन तथा बीसीसीआई के चार अन्य अधिकारियों को खिलाड़ी द्वारा खिलाडि़यों की आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने की जानकारी थी लेकिन उनमें से किसी ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील