Advertisement
Advertisement
Advertisement

लोढ़ा समिति की सिफारिश का चुनाव पर गहरा असर

नई दिल्ली, 21 जुलाई (CRICKETNMORE): सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित न्यायाधीश (सेवानिवृत) आर. एम. लोढ़ा समिति ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को निर्देश दिया है कि वह सोमवार को आए न्यायालय के फैसले के बाद सभी चुनावों को रोक दे। अदालत

Advertisement
बीसीसीआई
बीसीसीआई ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jul 21, 2016 • 04:41 PM

नई दिल्ली, 21 जुलाई (CRICKETNMORE): सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित न्यायाधीश (सेवानिवृत) आर. एम. लोढ़ा समिति ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को निर्देश दिया है कि वह सोमवार को आए न्यायालय के फैसले के बाद सभी चुनावों को रोक दे। अदालत के आदेशानुसार बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को अगले छह महीनें में लागू करना है। यह भी पढ़े : कोहली को झटका, गर्लफ्रेंड अनुष्का शर्मा ने किसी ओर से की सगाई।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
July 21, 2016 • 04:41 PM

लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के सहित बोर्ड के सभी शीर्ष अधिकारियों को यह दिशा-निर्देश भेजे हैं।

Trending

इस आदेश के बाद बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) को 31 जुलाई को होने वाली वार्षिक आम सभा की बैठक वाले दिन होने वाले चुनावों को रद्द करना पड़ेगा।

सीएबी के अलावा कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) को भी चुनाव रद्द करने पड़ेंगे। वहीं, मंगलवार को हुए जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) के चुनाव, जिसमें इमरान रजा अंसारी को अध्यक्ष चुना गया था, भी अब अवैध माने जाएंगे।

पत्र में लिखा है कि बीसीसीआई से संबंधित सभी राज्य संघों के चुनावों पर अभी रोक लगा देनी चाहिए।

बयान में कहा गया है, "देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा सुधारों को लागू करने और जितनी जल्दी संभव हो सके उतनी जल्दी इस सुधार की प्रक्रिया की निगरानी का आदेश दिए जाने के बाद हम समयसीमा के साथ एक कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं। इस मामले में अगला फैसला लिए जाने तक नियम संख्या 18.07.2016 के तहत बीसीसीआई और राज्य संघ के सभी चुनाव और चुनावी प्रक्रियाएं रोक दें।" यह भी पढ़े : खुलासा: पहले टेस्ट मैच से रोहित शर्मा हो सकते हैं बाहर।

बयान में कहा गया है, "यही बात बीसीसीआई द्वारा सभी राज्य संघों को बता देनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अगर ऐसा कोई भी फैसला लिया जाता है जो कि न्यायालय के फैसले के खिलाफ होगा वह अवैध माना जाएगा।"

Advertisement

TAGS
Advertisement