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गौतम गंभीर को कोच बनाना बीसीसीआई का मास्टर प्लान !

गौतम गंभीर टीम इंडिया के नए मुख्य कोच बन चुके हैं। करीब-करीब आठ साल बाद गौतम गंभीर टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में श्रीलंका में वापसी करेंगे। बस फर्क यह है कि वो इस बार बतौर खिलाड़ी नहीं, बल्कि कोच

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IANS News
By IANS News July 10, 2024 • 16:54 PM
BCCI appoints Gautam Gambhir as head coach of senior men's team. Photo credit: BCCI
BCCI appoints Gautam Gambhir as head coach of senior men's team. Photo credit: BCCI (Image Source: IANS)

गौतम गंभीर टीम इंडिया के नए मुख्य कोच बन चुके हैं। करीब-करीब आठ साल बाद गौतम गंभीर टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में श्रीलंका में वापसी करेंगे। बस फर्क यह है कि वो इस बार बतौर खिलाड़ी नहीं, बल्कि कोच की भूमिका में नजर आएंगे। अब सवाल यह है कि डायरेक्ट कोचिंग का अनुभव नहीं होने के बावजूद भी आखिर वो क्या वजहें हैं, जो बीसीसीआई गंभीर को ही कोच बनाना चाहती थी।

वैसे तो गौतम गंभीर ने आईपीएल में लगातार तीन साल टीमों के मेंटॉर की भूमिका निभाई है, लेकिन उन्हें किसी भी स्तर पर डायरेक्ट कोचिंग का अनुभव नहीं है। मगर उनकी 'विनिंग मेंटैलिटी' (यानी दिमाग में जीतने का जज्बा और यकीन) ने उनकी काबिलियत साबित की है।

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2007 और 2011 के विश्व कप फाइनल्स को कौन भूल सकता है? 2011 विश्व कप फाइनल में 97 रनों की पारी आज भी फैंस के जेहन में ताजा है। वहीं, उनकी आईपीएल टीम केकेआर में उनका जज्बा जिसने अपने दम पर टीम को दो बार चैंपियन बनाया। दिलचस्प बात यह है कि केकेआर ने तीसरी बार भी गौतम गंभीर के नेतृत्व में ट्रॉफी जीती, बस फर्क इतना था कि वो इस बार मेंटॉर की भूमिका में थे।

गंभीर पहले भी कई बार कह चुके हैं कि उनके दिमाग में सिर्फ जीत चलती है, जिसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। गंभीर का रिकॉर्ड भी इसका गवाह है। यानी गंभीर जानते हैं कि बड़े मुकाबलों में कैसे सबसे दमदार प्रदर्शन करना होता है। यह ऐसा मोर्चा है जहां टीम इंडिया पिछले 10 वर्षों में कई बार लड़खड़ाई। वहीं, बात चाहे नई तकनीक और एडवांस क्रिकेट की हो गंभीर हर मायने में नए लड़कों के साथ तालमेल बिठा सकते हैं।

खैर, ये बातें तो आंकड़े अनुभव और हार-जीत को लेकर हो गई। मगर कई पैमाने ऐसे भी हैं जहां गंभीर को कोई अन्य दावेदार इस पद के लिए चुनौती नहीं दे पाया। करीब-करीब यह बात तय थी कि अगर गौतम गंभीर टीम इंडिया का मुख्य कोच बनने के लिए तैयार होते हैं तो उनकी नियुक्ति पक्की है। ऐसे में अब सवाल उठता है, आखिर गंभीर इस पद के लिए बीसीसीआई के फेवरेट कैंडिडेट क्यों थे। क्या बीसीसीआई के पास कोई अन्य ऑप्शन नहीं था?

दरअसल, बीसीसीआई के इस पद के लिए दावेदारों की कमी नहीं थी, लेकिन सच यही है कि गौतम गंभीर के मुकाबले उनके सामने कोई अन्य नाम नहीं था। अभी तक हम आंकड़ों पर बात कर रहे थे, अब हम टीम के भविष्य और रणनीतियों पर बात करते हैं।

राहुल द्रविड़ की जगह अब गौतम गंभीर भारतीय टीम के मुख्य कोच होंगे। उनका कार्यकाल साल 2027 तक रहेगा। वह श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज से भारतीय दल का हिस्सा बनेंगे।

गंभीर के लगभग 3 साल के कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम को 5 बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है। यानी मंच बड़ा होगा तो टीम भी मजबूत चाहिए। हमने कई बार देखा है कि चाहे बीसीसीआई, टीम चयनकर्ता या फिर कप्तान और कोच क्यों न हो... यह सभी हमेशा बड़े नामों के दबाव में रहते हैं। बड़े खिलाड़ियों के फ्लॉप होने के बाद भी उन्हें लगातार सपोर्ट किया जाता है।

राहुल द्रविड़ की जगह अब गौतम गंभीर भारतीय टीम के मुख्य कोच होंगे। उनका कार्यकाल साल 2027 तक रहेगा। वह श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज से भारतीय दल का हिस्सा बनेंगे।

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बीसीसीआई का गौतम गंभीर को कोच बनाना एक मास्टर प्लान से कम नहीं है, क्योंकि गंभीर यह पहले ही साफ कर चुके हैं कि टीम में बड़े नाम से नहीं बल्कि परफॉर्मेंस को देखकर जगह मिलेगी।

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