भारतीय क्रिकेट में यूसुफ पठान और इरफान पठान की जोड़ी बेहद लोकप्रिय है। दोनों भाइयों ने भारतीय टीम को कई मैच अकेले दम तो कई एक साथ जिताए हैं। यूसुफ दाएं हाथ के स्पिनर और बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज थे, तो इरफान बाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे और बाएं हाथ से ही बल्लेबाजी करते थे। यूसुफ हमेशा अपनी बल्लेबाजी के लिए तो इरफान गेंदबाजी के लिए जाने गए। यूसुफ का नाम तो भारतीय क्रिकेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में लिया जाता है।
यूसुफ पठान का जन्म 17 नवंबर 1982 को वडोदरा में हुआ था। यूसुफ के पिता, महमूद खान पठान, मस्जिद में मुअज्जिन का कार्य करते थे। मुअज्जिन का काम पांच वक्त की नमाज के लिए नमाजियों को मस्जिद में बुलाना होता है। महमूद खान चाहते थे कि यूसुफ उच्च इस्लामिक शिक्षा प्राप्त करें और अपनी पहचान इस्लामिक स्कॉलर के रूप में बनाएं। इसके लिए यूसुफ को प्रोत्साहित किया गया। लेकिन, जब यह निर्णय करने का वक्त आया कि भविष्य में क्या करना है, यूसुफ पठान ने क्रिकेट को चुना। उनका सपना भारत के लिए खेलना था, और इसके लिए उन्होंने कठिन परिश्रम करने की राह चुनी जिसने उन्हें बड़ी सफलता भी दिलायी।
यूसुफ पठान ने 2001-2002 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया था। उनका संघर्ष लंबा रहा। उनसे पहले उनके छोटे भाई ने भारतीय टीम के लिए डेब्यू कर लिया। 2007 में देवधर ट्रॉफी में यूसुफ का प्रदर्शन अच्छा रहा था और इसी वजह से उन्हें सीधे टी20 विश्व कप 2007 के लिए चुना गया। भारत-पाकिस्तान के बीच खेला गया फाइनल उनका डेब्यू मैच था। 2008 में ही पाकिस्तान के खिलाफ ही उन्होंने वनडे में भी डेब्यू किया। टेस्ट क्रिकेट में वह भारत के लिए नहीं खेल सके।