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वेदा कृष्णमूर्ति की ये बात सही साबित नहीं कर पाई भारतीय महिला क्रिकेट टीम

Veda Krishnamurthy: वेदा कृष्णमूर्ति ने कहा था कि इस बार महिला टी 20 विश्व कप में भारतीय टीम का दबदबा रहेगा लेकिन महिला टीम सेमीफाइनल की होड़ से बाहर होकर इस बात को सही साबित नहीं कर पाई। वेदा कृष्णमूर्ति

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Indian cricketer Veda Krishnamurthy begins new innings of life, turns emotional,
Indian cricketer Veda Krishnamurthy begins new innings of life, turns emotional, (Image Source: IANS)
IANS News
By IANS News
Oct 15, 2024 • 06:00 PM

Veda Krishnamurthy: वेदा कृष्णमूर्ति ने कहा था कि इस बार महिला टी 20 विश्व कप में भारतीय टीम का दबदबा रहेगा लेकिन महिला टीम सेमीफाइनल की होड़ से बाहर होकर इस बात को सही साबित नहीं कर पाई। वेदा कृष्णमूर्ति 16 अक्टूबर को 32 साल की हो जाएंगी।

IANS News
By IANS News
October 15, 2024 • 06:00 PM

भारत की पूर्व क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति ने कहा था कि महिला टी 20 विश्व कप 2024 में महिला ब्लू बहुत प्रभावशाली होगी। लेकिन भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से हारकर सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई।

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वेदा कृष्णमूर्ति 13 साल की उम्र में सीनियर स्टेट टीम में शामिल हो गई थीं , क्योंकि वह खुद को हर जगह झोंक सकती थीं।

18 साल की उम्र में वेदा ने डर्बी में भारत के लिए पदार्पण करते हुए अर्धशतक बनाया और बेशक, वह आत्मसंतुष्ट हो गईं। तीन साल तक खेल से बाहर रहने और घर से दूर दिल्ली में भारतीय रेलवे की नौकरी ने उन्हें उनके सहज क्षेत्र से बाहर निकाला और उन्हें आत्मनिरीक्षण तथा सुधार का मौका दिया। वापसी के बाद से वेदा ने भारत की सीमित ओवरों की टीम का अनिवार्य हिस्सा बनने के हर अवसर को भुनाया है।

भारतीय बल्लेबाज वेदा कृष्णमूर्ति ने 2022 में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कमेंट्री की जिम्मेदारी भी संभाली थी। 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ 18 साल की उम्र में भारत के लिए पदार्पण करने वाली वेदा ने 48 वनडे और 76 टी20में भारत का प्रतिनिधित्व किया । उन्होंने वनडे में 25.90 की औसत से 829 रन बनाए हैं, जबकि उनके नाम 875 टी20 रन हैं। वेदा ने आखिरी बार भारत के लिए आईसीसी टी20 विश्व कप 2020 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला था।

18 साल की उम्र में वेदा ने डर्बी में भारत के लिए पदार्पण करते हुए अर्धशतक बनाया और बेशक, वह आत्मसंतुष्ट हो गईं। तीन साल तक खेल से बाहर रहने और घर से दूर दिल्ली में भारतीय रेलवे की नौकरी ने उन्हें उनके सहज क्षेत्र से बाहर निकाला और उन्हें आत्मनिरीक्षण तथा सुधार का मौका दिया। वापसी के बाद से वेदा ने भारत की सीमित ओवरों की टीम का अनिवार्य हिस्सा बनने के हर अवसर को भुनाया है।

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Article Source: IANS

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