Cricket World Cup 2023: नई गेंद से बल्लेबाजों के लिए 'काल' बन सकते हैं तेज गेंदबाज
Cricket World Cup: जब इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप-2023 का पहला मैच गुरुवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शुरू होगा, तो यह लॉर्ड्स में खेले गए 2019 के फाइनल का फ्लैशबैक होने वाला है जो फैंस
Cricket World Cup: जब इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप-2023 का पहला मैच गुरुवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शुरू होगा, तो यह लॉर्ड्स में खेले गए 2019 के फाइनल का फ्लैशबैक होने वाला है जो फैंस का रोमांच डबल कर देगा।
दोनों टीमों के पास दमदार बल्लेबाजी और खतरनाक स्पिनरों की भरमार है, लेकिन तेज गेंदबाजी के मोर्चे पर न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड की टीमों में कौन बेहतर है यह कहना मुश्किल है, या यूं कह लीजिए इस मोर्चे पर दोनों टीमें बराबरी पर हैं।
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गुरुवार को ओपनर के रूप में टिम साउदी को खोने के बावजूद, इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर ट्रेंट बोल्ट का खतरा मंडरा रहा है।
2019 में लॉर्ड्स में उस फाइनल को याद करें, जब ट्रेंट बोल्ट ने ओवर द विकेट से इनस्विंगर के साथ जेसन रॉय को लगभग एलबीडब्ल्यू कर ही दिया था। हालांकि, इंग्लिश बल्लेबाज अंपायर की कॉल पर बच गए, जिससे इंग्लैंड के लिए घबराहट भरी शुरुआत हुई।
पिछले महीने वनडे क्रिकेट में वापसी पर, एक साल तक फ्रेंचाइज़ी टी20 लीग खेलने के बाद, बोल्ट ने एक बार फिर इस फॉर्मेट पर अपना दबदबा बना लिया है।
बोल्ट और हेनरी के अलावा, भारत के मोहम्मद सिराज पहले पावर-प्ले में तेज गेंदबाजों की सूची में शीर्ष पर हैं। सिराज के अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही, लेकिन 2022 के बाद से स्थिति बदल गई है।
वहीं, पाकिस्तान के पास शाहीन शाह अफरीदी के रूप में एक नई गेंद का स्ट्राइकर भी है। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के पास नई गेंद की स्ट्राइक जोड़ी के रूप में मिचेल स्टार्क और जोश हेज़लवुड हैं।
नई गेंद से आक्रमण कुछ ऐसा है जो हमेशा तेज गेंदबाजों को खतरनाक बनाता है। इसलिए, एक बड़ा खतरा है जो विश्व कप में बल्लेबाजों पर मंडरा रहा है।
यह देखा गया है कि भारत में नई गेंद पहले दस ओवरों में बहुत स्विंग करती है। 2019 विश्व कप के बाद क्रिकेट-21 द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से तेज गेंदबाजों को पहले पावर-प्ले में फायदा हुआ है।
पहले पावर-प्ले में तेज गेंदबाजों ने फुल लेंथ पर 22.6 फीसदी गेंदें फेंकी, जिसमें 37 की औसत और 7 की इकोनॉमी रेट से 159 विकेट लिए।
इसके बाद 51.9 फीसदी गेंदें अच्छी लेंथ की रहीं, जिसमें 24.8 की औसत और 3.6 की इकॉनमी दर से 285 विकेट लिए जबकि बैक ऑफ लेंथ डिलीवरी 20.4 फीसदी थी, जिससे 39.4 की औसत और 5.6 की इकॉनमी दर से 108 विकेट मिले।
हालांकि, इस रिपोर्ट में स्पिन गेंदबाजों के आंकड़े भी अच्छे हैं। बताया जा रहा है कि वर्ल्ड कप-2023 में तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहेगा, लेकिन शाम के समय ओस की आशंका के कारण टीमें अपने कुल स्कोर का बचाव करने के लिए रनों का अतिरिक्त सहारा पाने के लिए शुरुआत में कड़ी मेहनत कर सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि अक्टूबर और नवंबर के महीनों में ओस के साथ, तेज गेंदबाज और स्पिनर भारतीय मैदानों पर कैसा प्रदर्शन करते हैं।
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फिलहाल, पहले दस ओवरों में तेज गेंदबाज महत्वपूर्ण स्ट्राइक करके टीमों के लिए ट्रॉफी जीतने का मार्ग आसान बना सकते हैं।