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एशियाई ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष चुने जाने वाले पहले भारतीय बने रणधीर सिंह

Randhir Singh: रणधीर सिंह एशियाई ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष बनने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उनका कार्यकाल 2024 से 2028 तक रहेगा। उन्होंने 1978 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और पांच ओलंपिक खेलों का हिस्सा थे।

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Randhir Singh becomes first Indian to be elected president of Olympic Council of Asia
Randhir Singh becomes first Indian to be elected president of Olympic Council of Asia (Image Source: IANS)
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By IANS News
Sep 08, 2024 • 02:02 PM

Randhir Singh: रणधीर सिंह एशियाई ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष बनने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उनका कार्यकाल 2024 से 2028 तक रहेगा। उन्होंने 1978 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और पांच ओलंपिक खेलों का हिस्सा थे।

IANS News
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September 08, 2024 • 02:02 PM

1978 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज और अनुभवी खेल प्रशासक रणधीर सिंह को रविवार को एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) की 44वीं आम सभा में आधिकारिक तौर पर निर्विरोध रूप से पहले भारतीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया।

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सिंह, जो 1978 में बैंकॉक में आयोजित एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज बने। वो इस पद के लिए चुनाव लड़ने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे।

उन्हें युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मंडाविया और एशिया के सभी 45 देशों के शीर्ष खेल नेताओं सहित कई दिग्गजों की उपस्थिति में ओसीए प्रमुख के रूप में चुना गया।

निशानेबाजी में दो दशक से अधिक समय तक शानदार खेल करियर का लुत्फ उठाने के बाद, सिंह भारतीय ओलंपिक संघ और भारतीय ओलंपिक परिषद सहित कई खेल निकायों में कार्यरत थे।

77 वर्षीय खेल दिग्गज पटियाला पंजाब से हैं। उनका जन्म खेल से जुड़े खिलाड़ियों के परिवार में हुआ था। उनके चाचा महाराजा यादवेंद्र सिंह ने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला और वे आईओसी के सदस्य थे, जबकि उनके पिता भालेंद्र सिंह भी प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और 1947 से 1992 के बीच आईओसी के सदस्य थे।

दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद, सिंह ने खेलों में अपना करियर बनाया। अपने शुरुआती वर्षों में शूटिंग, गोल्फ, तैराकी, स्क्वैश और क्रिकेट सहित कई खेलों को आजमाने के बाद उन्होंने शूटिंग पर फोकस किया और इस खेल में अपना करियर बनाने की ठानी।

1968 और 1984 के बीच, उन्होंने ओलंपिक के पांच संस्करणों में भाग लिया, ऐसा करने वाले वे केवल दूसरे भारतीय बने।

उन्होंने 1978 और 1994 के बीच एशियाई खेलों के चार संस्करणों में भी भाग लिया। 1978 में ट्रैप शूटिंग में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक, 1982 में ट्रैप स्पर्धा में व्यक्तिगत कांस्य पदक और 1986 में टीम रजत पदक जीता। साथ ही कनाडा के एडमंटन में 1978 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी भाग लिया।

1968 और 1984 के बीच, उन्होंने ओलंपिक के पांच संस्करणों में भाग लिया, ऐसा करने वाले वे केवल दूसरे भारतीय बने।

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Article Source: IANS

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