नई दिल्ली, 5 अप्रैल | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से कहा कि वह अपने सहयोगी राज्य संघों को दिए गए पैसों का 'मुकम्मल हिसाब' रखे और कहा कि कुछ राज्यों को बहुत अधिक तो कुछ राज्यों को कुछ भी नहीं मिल रहा है। प्रधान न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति फकीर मोहम्मद इब्राहिम कलीफुल्ला की खंडपीठ ने कहा, "आपके पास एक संपूर्ण लेखा प्रणाली होनी चाहिए जो कि पारदर्शी हो। आप हर साल भारी रकम का वितरण करते हैं जो हर साल बढ़ती है। यह एक हजार करोड़ तक भी जा सकती है।"
न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, "लोढ़ा समिति की रिपोर्ट से ऐसा आभास हो रहा है कि आप (बीसीसीआई) कुछ राज्यों को (राज्य क्रिकेट संघों को) पैसा दे रहे हैं और उन्हें उसे उनके मनचाहे ढंग से खर्च करने की आजादी भी दे रहे हैं, साथ ही खर्च का हिसाब भी नहीं मांग रहे हैं।"
कोर्ट ने यह बात बीसीसीआई द्वारा लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में आ रही दिक्कतों पर दायर की गई अपील की सुनवाई के दौरान कही।