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सचिन ने भारतीय क्रिकेट का परिदृश्य ही बदल दिया- राहुल द्रविड़

द वाल” नाम से मशहूर महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने सचिन तेंदुलकर को अपने समकालीन महानतम क्रिकेटर

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Rahul Dravid and Sachin Tendulkar
Rahul Dravid and Sachin Tendulkar ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jan 13, 2015 • 02:25 PM

नई दिल्ली, 05 अगस्त (हि.स.) । “द वाल” नाम से मशहूर महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने सचिन तेंदुलकर को अपने समकालीन महानतम क्रिकेटर बताते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट का परिदृश्य ही बदल दिया। द्रविड़ ने कहा कि उसने मैदान के भीतर और बाहर भारतीय क्रिकेट का परिदृश्य बदल दिया। तेंदुलकर के साथ पूरी एक पीढी बड़ी हुई। उन्होंने उसके उतार और चढाव देखे और उसके साथ अपने सपनों को जिया। भारत में कई लोग क्रिकेटर बनने की इच्छा पालने लगे। उन्होंने कहा कि पिछले 24 बरस से पूरी पीढी को यह दावा करने का सौभाग्य मिला है कि उन्होंने तेंदुलकर को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनते देखा।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
January 13, 2015 • 02:25 PM

उन्होंने एक मशहूर वेबसाइट के एक प्रोग्राम के दौरान कहा कि तेंदुलकर ने कल्पना से परे कर दिखाया। उन्होंने कहा कि वह लीजैंड है। मैने जितने बल्लेबाजों के साथ खेला, उनमें सर्वश्रेष्ठ। वह प्रेरणास्रोत है। सोलह बरस का लड़का वह कर सकता है, जो उसने किया, यह सोचना भी अविश्वसनीय है। उन्होंने कल्पना से परे कर दिखाया और मुझे लगा कि अगर वह यह कह सकता है तो मुझे भी टेस्ट क्रिकेटर बनने की कोशिश करनी चाहिये।

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तेंदुलकर पर स्वार्थी होने के आरोपों पर द्रविड़ ने कहा, यह अनुचित है। हम सभी शतक बनाना चाहते हैं, रन बनाना चाहते हैं और इससे टीम को ही फायदा होता है। उन्होंने कहा कि जब किसी ने शतकों का शतक लगाया तो आप उसकी हर पारी की समीक्षा करने लगे। आपको अपना पक्ष रखने के लिये कई पारियां मिल जायेंगी लेकिन कई ऐसी भी पारियां हैं जिसमें उनका शतक भारतीय क्रिकेट के लिये काफी अहम रहा।

राहुल द्रविड़ ने बताया कि इस चैम्पियन बल्लेबाज ने नेट पर एक भी गेंद नहीं खेली थी। उस विश्व कप में सचिन ने रिकॉर्ड 673 रन बनाये थे। इसमें पाकिस्तान के खिलाफ 98 रन की पारी शामिल है। द्रविड़ ने कहा कि सचिन की तैयारी समय के मुताबिक बदलती रहती है। उसने 2003 विश्व कप में नेट पर एक भी गेंद नहीं खेली। उसने सिर्फ थ्रो डाउंस पर अभ्यास किया। उन्होंने कहा कि हम सभी हैरान थे कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। मैंने जब उससे पूछा, तो उसने कहा कि मुझे अच्छा लग रहा है। मैं नेट पर अभ्यास नहीं करना चाहता। मैं अपनी बल्लेबाजी के बारे में अच्छा महसूस करना चाहता हूं। यदि मुझे ऐसा लग रहा है तो मैं रन बनाउंगा और ऐसा ही हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/अनूप

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