रिंकू सिंह: झाड़ू मारने की मिल रही थी नौकरी, परिवार पर था 5 लाख का कर्ज
रिंकू सिंह को कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और गुजरात टाइटंस (जीटी) के बीच खेले जा रहे मैच में KKR ने प्लेइंग इलेवन में शामिल किया है। रिंकू सिंह का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा है।
KKR vs GT: कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और गुजरात टाइटंस (जीटी) के बीच खेले जा रहे 35वें मुकाबले में KKR ने रिंकू सिंह को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया है। आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन में केकेआर ने इस खिलाड़ी को 55 लाख रुपए में खरीदा था। इससे पहले भी रिंकू सिंह केकेआर टीम का ही हिस्सा थे। रिंकू सिंह कौन हैं? रिंकू सिंह की बैकग्राउंड स्टोरी क्या है? फैंस के मन में तमाम सवाल हैं।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्में रिंकू सिंह का बचपन बेहद गरीबी में बीता है। रिंकू सिंह 5 भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। रिंकू के पिता घर-घर जाकर सिलेंडर की डिलिवरी करने का काम करते थे। रिंकू सिंह को क्रिकेट खेलने का काफी शौक था लेकिन, आर्थिक तंगी के कारण उनकी लाइफ में एक वक्त ऐसा आया जब क्रिकेट का शौक उनसे दूर हो गया था।
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जहां रिंकू सिंह का एक भाई ऑटो रिक्शा चलाता था वहीं उनका दूसरा भाई भी कोचिंग सेंटर में नौकरी करके परिवार की आर्थिक मदद करता था। रिंकू सिंह 9वीं फेल हैं ज्यादा पढ़े लिखे ना होने के कारण उन्हें ढंग की नौकरी भी नहीं मिल रही थी। रिंकू ने जब अपने भाई से नौकरी दिलवाने की बात कही तब उनका भाई जहां उन्हें ले गया वहां उन्हें झाड़ू मारने की नौकरी मिल रही थी।
रिंकू सिंह ने उस वक्त जान लिया कि उनकी लाइफ अगर कोई बदल सकता है तो वो केवल और केवल क्रिकेट ही है। रिंकू सिंह ने क्रिकेट पर पूरा फोकस करने का मन बनाया और दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट के दौरान जब उन्हें मैन ऑफ द सीरीज के तौर मोटरबाइक मिली तो ये मोरटबाइक उन्होंने अपने पापा को सिलेंडर डिलिवरी के लिए दे दी थी।
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रिंकू सिंह के परिवार पर 5 लाख का कर्ज भी था जिसे उन्होंने क्रिकेट खेलकर ही चुकाया। रिंकू सिंह ने 2014 में लिस्ट ए क्रिकेट में विदर्भ के खिलाफ डेब्यू किया था और उसके बाद घरेलू क्रिकेट में अपने बल्ले से टीम को तमाम मैच भी जितवाए। रिंकू सिंह को केकेआर की टीम में सबसे शानदार फील्डर के रूप में जाना जाता है।