कौशल और तेजी का मिश्रण हमारे गेंदबाजों की ताकत : शमी
नई दिल्ली, 18 मई - किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि 2015 में विश्व कप के बाद अगले विश्व कप के लिए भारतीय टीम जब इंग्लैंड एंड वेल्स के लिए रवाना होगी तो उसके बल्लेबाजों से ज्यादा चर्चा उसके
नई दिल्ली, 18 मई - किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि 2015 में विश्व कप के बाद अगले विश्व कप के लिए भारतीय टीम जब इंग्लैंड एंड वेल्स के लिए रवाना होगी तो उसके बल्लेबाजों से ज्यादा चर्चा उसके गेंदबाजों की होगी। यह बदलाव एक रात में नहीं हुआ है। इसमें कई वर्ष लगे हैं और कड़ी मेहनत के बाद भारतीय टीम प्रबंधन ने तेज गेंदबाजों का पूल तैयार किया है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली के पास अगर जसप्रीत बुमराह के रूप में डेथ ओवरों में विशेषज्ञ गेंदबाज है तो वहीं मोहम्मद शमी के रूप में ऐसा गेंदबाज भी है जो स्विंग के दम पर बल्लेबाजों को पैर भी नहीं हिलाने देता। इसमें हमें भुवनेश्वर कुमार को नहीं भूलना चाहिए जो शमी की तरह ही स्विंग के उस्ताद हैं। वनडे टीम के लिए कोहली इससे अच्छे तेज गेंदबाजी आक्रमण की कल्पना भी नहीं कर सकते थे।
शमी ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि विश्व कप में टीम की गेंदबाजी उसकी ताकत के रूप में जानी जा रही है। भारत में अभी तक बल्लेबाजों का राज हुआ करता था, लेकिन शमी को गर्व है कि इस टीम के पास भारत का अभी तक का सबसे अच्छा तेज गेंदबाजी आक्रमण है।
शमी ने कहा, "बीते 20-30 साल में, अगर आप भारतीय क्रिकेट का इतिहास देखेंगे तो हमेशा बल्लेबाजों का दबदबा रहा है। आप इसके लिए गेंदबाजों को दोष नहीं दे सकते क्योंकि जो विकेट बनाई जाती थीं वो गेंदबाजों की मददगार नहीं होती थी। पिछले पांच-सात साल में चीजें बदलनी शुरू हुई हैं। ईमानदारी से कहूं तो इसमें एक प्रक्रिया का पालन हुआ है। यह एक रात में नहीं हुआ है। हम एक ईकाई के तौर पर काम कर रहे हैं और इससे मदद मिल रही है।"
उन्होंने कहा, "अच्छी बात यह है कि वैराएटी के अलावा हमारे गेंदबाजों के पास तेजी भी है। कौशल और पेस का एक साथ होना हमारे तेज गेंदबाजी आक्रमण की विशेष पहचान है। यह एक सपने के सच होने जैसा है। मुझे इस बात पर गर्व होता है कि लोगबाग आज के दौर में हमारे तेज गेंदबाजों की बात करते हैं। यह चीज ज्यादा सुनी नहीं जाती थी, लेकिन अब यह हमारी ताकत है।"
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