हार्दिक पांड्या एक ऐसा नाम जो कुछ साल पहले इंडियन क्रिकेट टीम में अपनी एक ऐसी पकड़ बना चुका था कि कई बड़े से बड़े दिग्गज क्रिकेटर उनकी तुलना महान ऑलराउंडर कपिल देव से करने लगे थे। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता सभी को एहसास होने लगा कि पांड्या का कपिल बनना तो दूर अगर वो हार्दिक पांड्या ही बन जाएं तो भी टीम इंडिया के लिए अच्छा ही होगा।
फिलहाल हार्दिक को अगर एक डूबता हुआ सूरज कहें, तो गलत नहीं होगा क्योंकि वो धीरे-धीरे टीम इंडिया से बाहर होते हुए दिख रहे हैं और अब तो उनकी जगह लेने के लिए वेंकटेश अय्यर के रूप में एक शानदार ऑलराउंडर भी तैयार है। लेकिन हम ऐसा क्यों कह रहे हैं कि हार्दिक के लिए अब वापसी करना क्यों मुश्किल है और आखिरकार उनके बुरे वक्त की शुरुआत कब हुई। चलिए आपको थोड़ा पीछे लेकर चलते हैं।
साल था 2018 , भारत एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेल रहा था और हार्दिक पांड्या बॉलिंग करते हुए फिसले और अपनी कमर में चोट खा बैठे। इसके बाद उन्हें मैदान से बाहर ले जाया गया। ये चोट इतनी गंभीर निकली की इसके बाद से पांड्या के करियर का ग्राफ धीरे धीरे नीचे गिरता चला गया और वो आज तक उठ नहीं पाया।