भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली एक बार फिर विवादों में फंस गए है। बैंगलोर की एक कंपनी गेलेक्ट्स फनवेयर टेक्नोलॉजी के लिए कोहली ने कुछ पैसे निवेश किए थे। हितों के टकराव को लकेर विराट कोहली और बीसीसीआई आमने-सामने खड़े है।
गौरतलब है कि जिस कंपनी में विराट कोहली को पार्टनर बनाया गया था वो एमपीएल (MPL) यानी मोबाइल प्रीमियर लीग के मालिक की है और यही कंपनी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भारतीय खिलाड़ियों के लिए किट मुहैया कराती है। यह कंपनी 3 साल तक भारतीय क्रिकेट बोर्ड को अपनी सेवा देगी और एमपीएल ना सिर्फ भारत की पुरुष टीम बल्कि महिला क्रिकेट टीम और अंडर-19 क्रिकेट टीमों की भी स्पॉन्सर है।
कोहली साल 2020 के जनवरी महीने में एमपीएल के ब्रैंड एम्बेसडर बने थे और उन्होंने इसके लिए काफी प्रचार भी किया था। कोहली ने जितने पैसे इसमें निवेश किए है उस हिसाब से वो 10 साल बाद कपंनी में 0.051 फीसदी के शेयर होल्डर बनेंगे।