WATCH: नो बॉल विवाद पर भड़के वानिंदु हसरंगा, बोले- 'अंपायर को कोई दूसरी जॉब करनी चाहिए'
अफगानिस्तान के खिलाफ तीसरे टी-20 मैच में श्रीलंका को 3 रन से हार का सामना करना पड़ा लेकिन अगर आखिरी ओवर में अंपायर ने कमर से ऊपर जा रही गेंद को नो बॉल दे दिया होता तो कहानी कुछ और
अफगानिस्तान ने तीन मैचों की टी-20 इंटरनेशनल सीरीज के आखिरी मैच में श्रीलंका को 3 रन से हरा दिया। इस जीत के साथ ही अफगानिस्तान ने क्लीन स्वीप को भी टाल दिया लेकिन वो ये सीरीज 2-1 से हार गए। इस मैच में श्रीलंका को जीत के लिए 210 रनों का लक्ष्य मिला था लेकिन लंकाई टीम निर्धारित 20 ओवरों में 6 विकेट खोकर 206 रन ही बना सकी और 3 रन से मैच हार गई।
हालांकि, आखिरी ओवर में अंपायर की गलती का भी खामियाजा भी लंकाई टीम को ही भुगतना पड़ा। हुआ ये कि अफगानिस्तान की तरफ से आखिरी ओवर करने आये वफादार मोमंद ने चौथी गेंद कमर से ऊपर डाल दी जो कि नो बॉल दी जानी चाहिए थी लेकिन अंपायर ने इस गेंद को नो बॉल ही नहीं दिया। इस घटना को देखकर हर कोई हैरान रह गया। बल्लेबाजी कर रहे कामिंडु को तो बिल्कुल यकीन नहीं हुआ। अगर ये गेंद नो बॉल होती तो मैच का रिजल्ट कुछ और हो सकता था।
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मैच खत्म होने के बाद श्रीलंका के कप्तान वानिंदु हसरंगा ने भी अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए काफी कुछ कहा। वानिंदु ने तो ये तक कह दिया कि अगर अंपायर ऐसी नो बॉल को नहीं देख सकते तो उन्हें कोई और जॉब करनी चाहिए। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वानिंदु हसरंगा ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय मैच में इस तरह की चीज़ नहीं होनी चाहिए। अगर ये (कमर की ऊंचाई के करीब) होती, तो कोई समस्या नहीं होती। लेकिन एक गेंद जो इतनी ऊपर जा रही हो, अगर वो आगे जाती तो बल्लेबाज के सिर पर लगती। यदि आप ये नहीं देख सकते हैं, तो वो अंपायर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए उपयुक्त नहीं है। ये बेहतर होगा कि वो कोई अन्य काम करे।"
"This shouldn't happen in an international match. If the umpire can't spot this he is unfit. He’d better do some other job" Sri Lanka Skipper Wanindu Hasaranga on the controversial no ball call pic.twitter.com/wfyOnQYKb5
— Azzam Ameen (@AzzamAmeen) February 21, 2024
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अपनी बात खत्म करते हुए हसरंगा ने कहा, "ऐसी स्थिति थी जहां आप पहले उन कॉल्स को रिव्यू कर सकते थे, लेकिन आईसीसी ने इससे छुटकारा पा लिया है। हमारे बल्लेबाजों ने इसकी समीक्षा करने की कोशिश की। यदि तीसरा अंपायर फ्रंट-फुट नो-बॉल की जांच करने में सक्षम है, तो उसे इस तरह की नो बॉल की भी जांच करनी चाहिए। ऐसा कोई कारण नहीं है कि वो ऐसा क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने ऐसा भी नहीं किया, इसलिए मुझे यकीन नहीं है कि उस समय उनके (स्क्वायर-लेग अंपायर के) दिमाग में क्या चल रहा था।''