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शोएब अख्तर ने कहा, अब हमारे पास कुछ ही असल तेज गेंदबाज बचे हैं

लाहौर, 5 अगस्त | पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को लगता है कि आज के समय में तेज गेंदबाज उतनी तेज गेंदबाजी नहीं करते हैं जितनी उनके समय में होती थी क्योंकि खेल के नियम और कठोरता उन्हें

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Shoaib Akhtar
Shoaib Akhtar (IANS)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Aug 05, 2020 • 09:35 PM

लाहौर, 5 अगस्त | पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को लगता है कि आज के समय में तेज गेंदबाज उतनी तेज गेंदबाजी नहीं करते हैं जितनी उनके समय में होती थी क्योंकि खेल के नियम और कठोरता उन्हें वो मौका नहीं देती। अख्तर पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो 100 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे। उन्होंने 2011 में संन्यास ले लिया था। खेल के तीनों प्रारूपों में उनके नाम 444 अंतर्राषट्रीय विकेट हैं।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
August 05, 2020 • 09:35 PM

उन्होंने कहा, "दस साल पहले, गेंदबाज 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे और अब वह अचानक से 135 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने लगे। अब हमारे पास कुछ ही असल गेंदबाज बचे हैं। पहले दक्षिण अफ्रीका के पास अकेले छह होते थे।"

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अख्तर ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, क्रिकेट के नियम आपको तेज फेंकने की इजाजत नहीं देते है: दो नई गेंदें, कई ज्यादा पाबंदियां, ज्यादा क्रिकेट, ज्यादा टी-20 लीग, ज्यादा पैसा, ज्यादा टीवी राइट्स।"

उन्होंने कहा, "खिलाड़ी अब चतुर हो रहे हैं और उनका पैसे पर ज्यादा ध्यान है। वह अपना करियर बचाना चाहते हैं और अपने पैर भी और 10 साल के लिए खेलना चाहते हैं.. वहीं मैं जिस सीरीज में खेल रहा हूं उसके लिए ही लड़ता था, मैं पूरे दिन लड़ता था।"

पूर्व गेंदबाज ने कहा, "नियम तब ज्यादा नरम थे। जब उन्होंने गेंदबाजों को दो बाउंसर फेंकने से बैन कर दिया, मुझे गुस्सा आ गया। मुझे लगा कि आप बल्लेबाज को कैसे फंसाओगे? आप कहां से शरीर लाइन पर गेंदबाजी करोगे?"

उन्होंने कहा, "मुझे उसे मारने दीजिए और उसे वापसी में मारने दीजिए। आप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में यही देखना चाहते हो। मैं सुस्त, स्वच्छ क्रिकेट देख के थक चुका हूं। मेरे लिए 100 मीटर प्रति घंटे की सीमा तोड़ना बड़ी बात नहीं थी, यह सिर्फ मीडिया ने हाइप कर दिया था। मुझे इतनी तेज गेंद फेंकने के लिए, शरीर तोड़ने के लिए पैसा नहीं मिल रहा था।"
 

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