गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन साउथ अफ्रीका के ऑलराउंडर सेनुरन मुथुसामी ने अपने करियर की सबसे बड़ी पारी खेलकर मैच का रुख ही बदल दिया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा और भारत को टेस्ट मैच में गहरे दबाव में धकेल दिया। ये उपलब्धि उन्होंने 192 गेंदों में हासिल की, जो उनकी धैर्य, तकनीक और मानसिक दृढ़ता का शानदार उदाहरण थी।
इससे पहले उनका सर्वोच्च स्कोर पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 89 रन था। अफ्रीकी टीम के लिए सुबह का सत्र बेहद संयम वाला रहा। मुथुसामी और काइल वेरिन ने किसी भी जोखिम भरी गेंद से बचने की रणनीति अपनाई। दोनों ने केवल लाइन से हटकर फेंकी गई गेंदों को ही खेलने का फैसला लिया। मुथुसामी ने 121 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया और धीरे-धीरे पारी में रफ्तार जोड़ना शुरू किया। उनकी शॉट सेलेक्शन परिपक्वता और नियंत्रण से भरी थी।
वेरिन ने भी संघर्षपूर्ण 45 रन बनाए, लेकिन चाय के बाद उनकी पारी का अंत स्टंपिंग के रूप में हुआ। हालांकि भारत को राहत की इस एक झलक का साउथ अफ्रीका की प्रगति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। इसके बाद मुथुसामी को मार्को जेनसेन के रूप में एक मजबूत साथी मिला। दोनों ने मिलकर भारत के गेंदबाजों को थकाते हुए टीम को 400 के आंकड़े के पार पहुंचा दिया।