युवाओं का व्हाइट बॉल क्रिकेट की तरह झुकाव चिंता का विषय, टेस्ट के बचाव में आए मार्क टेलर
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर का कहना है कि युवाओं का सफेद गेंद के खेल की ओर रुझान बढ़ता जा रहा है और प्रशासनिक संस्थाओं को टेस्ट क्रिकेट को आर्थिक रुप से और अधिक आर्कषक बनाने की जरुरत है
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर का कहना है कि युवाओं का सफेद गेंद के खेल की ओर रुझान बढ़ता जा रहा है और प्रशासनिक संस्थाओं को टेस्ट क्रिकेट को आर्थिक रुप से और अधिक आर्कषक बनाने की जरुरत है जिससे खिलाड़ी इस प्रारूप में ध्यान केंद्रित करें।
टेलर ने बुधवार को वाइड वर्ल्ड ऑफ स्पोर्टस से कहा, "हाल के समय में हमने देखा है कि खिलाड़ी वनडे या सफेद गेंद के खेल में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं और यह अधिक से अधिक होने वाला है। जो खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं उनके लिए यह मुश्किल होगा।"
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टेलर ने कहा, "मुझे पता है कि यह कुछ ऐसा है जिस पर लंबे समय से चर्चा की जा रही है। मुझे लगता है कि टेस्ट मैच को और अधिक आर्थिक रूप से आकर्षक बनाना चाहिए ताकि खिलाड़ी इसे और प्राथमिकता दें। यदि आप मेरे समय पर वापस जाते हैं तो बिग बैश या आईपीएल नहीं था। अगर आप ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट खेलकर पैसा कमाना चाहते थे तो आपको एक अच्छा टेस्ट क्रिकेटर या फिर एक अच्छा वनडे क्रिकेटर बनना पड़ता था। "
56 वर्षीय टेलर को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया में साल के अंत में होने वाली एशेज सीरीज योजना के अनुसार आगे बढ़ेगी। देश में कोविड-19 के प्रकोप को लेकर इंग्लैंड के कई टेस्ट खिलाड़ी एशेज के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने पर संदेह जता रहे हैं, जिसकी वजह है कि क्वारंटीन के नियम और अपने परिवार के साथ यात्रा करने की अनुमति पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
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टेलर ने कहा, "मुझे लगता है कि अगर आप ऑस्ट्रेलिया को देखते हैं पहला टेस्ट 8 दिसंबर को खेला जाएगा। उम्मीद है कि तब तक हम पूरे ऑस्ट्रेलिया में 70 प्रतिशत लोग दोहरा टीका लगवा चुके होंगे। मुझे लगता है कि यहां यात्रा करने के संबंध में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए।"