वर्ल्ड कप इतिहास के 5 ऐसे मैच जब भारतीय टीम ने झेली दिल को तोड़ने वाली हार
वर्ल्ड कप के इतिहास में भारतीय टीम 2 दफा खिताब जीतने में सफल रही है। साल 1983 में महान कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम पहली बार विश्व विजेता बनी थी तो वहीं 28 साल के बाद साल 2011
1987 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया से 1 रन से हार
वर्ल्ड कप 1987 में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1 रन से हार झेलनी पड़ी। इस मैच में 9 अक्टूबर 1987 को चेन्नई में खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की और 6विकेट पर 270 रन बनाए। आपको बता दें यह मैच भारत की हार से ज्यादा कपिल देव की स्पोर्ट्समैन स्पिरिट के लिए याद की जाती है।
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हुआ ये था कि डीन जोन्स ने मोनिंदर अमरनाथ की गेंद पर लॉग ऑऩ की तरफ शॉट खेला जहां रवि शास्त्री कैच करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कैच लेने में शास्त्री असफल रहे और गेंद सीमा रेला के पार चली गई। ऐसे में रवि शास्त्री ने अंपायर की तरफ देखकर कहा कि गेंद मेरे हाथ में लगी और एक टप्पा के बाद सीमा रेखा के पार गई। ऐसे में यह चौका है।
अंपायर ने रवि शास्त्री की बात को मानकर चौका दे दिया। जिससे ऑस्ट्रेलिया टीम का स्कोर आखिरी में 268 रन हुआ। ऑस्ट्रेलिया पारी के समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजर ने अंपायर से बात की और कहा कि अंपायर ने चौका का जो फैसला किया है वो गलत है क्योंकि गेंद छक्के के लिए गई थी।
बाद में अंपायर ने भारतीय कप्तान कपिल देव से बात की और आखिर में कपिल देव ने स्पोर्ट्स मैन स्पिरिट दिखाई और छक्के के लिए मान गए। जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम का स्कोर 268 से 270 रन हो गया। ऐसे में जब भारतीय टीम बल्लेबाजी करने आई तो पूरी टीम 269 रन पर आउट हो गई जिससे भारतीय टीम को 1 रन से दिल तोड़ने वाली हार मिली।