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IND vs ENG: एक ऐसी अनोखी इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज जिसे पूरा होने में एक साल लग गया  

India vs England Test Cricket History: अपनी तरह की एक अनोखी टेस्ट सीरीज थी इंग्लैंड-भारत 2021-22 सीरीज़। इसीलिए इसे कहीं ऐतिहासिक और अनोखा कहा जाता है तो कहीं क्रिकेट की अनोखी दास्तान भी। यह एक ऐसी सीरीज़ थी जो दो...

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IND vs ENG: एक ऐसी अनोखी इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज जिसे पूरा होने में एक साल लग गया  
IND vs ENG: एक ऐसी अनोखी इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज जिसे पूरा होने में एक साल लग गया   (Image Source: Twitter)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Jun 20, 2025 • 02:43 PM

India vs England Test Cricket History: अपनी तरह की एक अनोखी टेस्ट सीरीज थी इंग्लैंड-भारत 2021-22 सीरीज़। इसीलिए इसे कहीं ऐतिहासिक और अनोखा कहा जाता है तो कहीं क्रिकेट की अनोखी दास्तान भी। यह एक ऐसी सीरीज़ थी जो दो इंग्लिश सीजन तक चली। चार टेस्ट 2021 में खेले और आख़िरी 2022 में। चौथे टेस्ट तक भारत के पास 2-1 की बढ़त थी (लॉर्ड्स और ओवल टेस्ट में जीत की बदौलत)।

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
June 20, 2025 • 02:43 PM

इसके बाद स्क्रिप्ट बदल गई। अचानक ही सीरीज का आख़िरी टेस्ट न खेलने का फैसला हुआ और उसे 2022 के लिए ट्रांसफर कर दिया। जब खेले तो इंग्लैंड ने 'बज़बॉल' स्टाइल में जॉनी बेयरस्टो और जो रूट के 100 की मदद से 378 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सीरीज़ 2-2 से बराबर कर दी।

सबसे बड़ी स्टोरी है 2021 सीरीज़ का तय पांचवां और आख़िरी टेस्ट विवादास्पद तरीके से न खेलना। ऑफिशियल स्टोरी ये है कि टीम इंडिया के कैंप में कोविड-19 से कुछ लोगों के इंफेक्ट होने के बाद, टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने ऐसे में मैनचेस्टर में टेस्ट खेलने से इनकार कर दिया था। भारतीय कैंप की रिलीज में लिखा था कि चीफ कोच रवि शास्त्री और उनके सपोर्ट स्टाफ में से कुछ, जिनमें बॉलिंग कोच भरत अरुण, फ़ील्डिंग कोच आर श्रीधर और फ़िज़ियो नितिन पटेल भी थे, इस ख़तरनाक वायरस के लिए पॉजिटिव निकले। इसीलिए सीरीज को बीच में ही अचानक रोक दिया। उस समय खबर थी कि मैच रद्द कर दिया है और इसे बाद में खेलेंगे। कब- ये तय नहीं था। 

मीडिया में आम तौर पर, कुछ ही घंटे पहले, प्राइवेट तौर पर आयोजित, रवि शास्त्री के बुक रिलीज प्रोग्राम को वायरस फैलाने इस टेस्ट रद्द होने के तमाशे तमाशे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। वहां बायो-सिक्योर बबल के प्रोटोकॉल को खुले आम तोड़ा गया और कोई सावधानी नहीं रखी। कप्तान विराट कोहली समेत टीम इंडिया के कई सीनियर खिलाड़ी भी इस प्रोग्राम में मौजूद थे। ये सभी बिना मास्क घूमते रहे और मेहमानों से भी मिलते देखे गए थे। इंग्लिश मीडिया में ये सनसनीखेज खबर भी थी भारतीय खिलाड़ियों को यूएई में अपनी-अपनी आईपीएल टीम के कैंप में शामिल होने की जल्दबाजी थी ताकि टीम वाले खुश हो जाएं और इसी चक्कर में वे टेस्ट में न खेले। जवाब में, चर्चा में, ये थ्योरी थी कि  भारतीय खिलाड़ियों और पूरी क्रिकेट की दुनिया में मशहूर आईपीएल को बदनाम किया जा रहा है। 

बहरहाल इस सच से इनकार नहीं कर सकते कि अगर सीरीज में प्रोग्राम के अनुसार मैनचेस्टर में तय पांचवें टेस्ट को खेलते तो भारत के पास 2007 के बाद से इंग्लैंड में, इंग्लैंड के विरुद्ध अपनी पहली आपसी टेस्ट सीरीज जीतने का बड़ा अच्छा मौका था। ऐसा कुछ नहीं हुआ और उस 10 सितंबर 2021 की सुबह, ECB ने टॉस से दो घंटे से भी कम समय पहले, टेस्ट को 'रद्द' घोषित कर दिया। भारत की तरफ से, इस बारे में पहली रिलीज लगभग दो घंटे बाद आई  जिसमें लिखा था कि ये एक 'मिलकर लिया फैसला' था और टेस्ट को फिर से शेड्यूल करने पर बाद में आपस में बात करेंगे। 

इस तरह से भारत ने सीरीज में 2-1 से आगे होने का मनोवैज्ञानिक फायदा, टेस्ट रद्द होने से, खुद ही गंवा दिया। अक्टूबर 2021 में यह तय हुआ कि सीरीज का जो पांचवां और आखिरी टेस्ट अभी तक खेले नहीं है, उसे अगले साल जुलाई में खेलेंगे। साथ ही टेस्ट को मैनचेस्टर से एजबेस्टन ट्रांसफर कर दिया। भारत को 2022 में वहां व्हाइट-बॉल क्रिकेट के मैचों की सीरीज खेलनी थी और ये टेस्ट, इसी टूर का हिस्सा बन गया। 

आखिरकार ये टेस्ट 1 जुलाई 2022 से खेले। जिनके पास 2021 के पांचवें टेस्ट के लिए खरीदे टिकट अभी तक रखे थे, वे स्टेडियम बदलने के बावजूद उसी से टेस्ट देख सके। यह तो साफ़ नजर आ रहा था कि इस नए प्रोग्राम में, भारत ने सीरीज में आगे होने का फायदा खो दिया था। भारत ने ECB की इस बात को मान लिया था कि ये नए प्रोग्राम वाला टेस्ट, उसी पिछले साल वाली सीरीज का ही हिस्सा होगा और अभी भी इसे सीरीज का पांचवां टेस्ट गिनेंगे, न कि 2022 के टूर में एक स्टैंडअलोन टेस्ट। शुरू में, भारत चाहता था कि उस न खेले टेस्ट को रद्द कर, भारत को सीरीज में 2-1 से विजेता घोषित किया जाए पर इंग्लैंड ने इस बात को न माना। 

इस तरह से, इंग्लैंड ने सही कार्ड चले और भारत को 2022 में वापस आने और नौ महीने और 26 दिन बाद उस अधूरी सीरीज के पांचवें टेस्ट को खेलकर, सीरीज पूरी करने पर राजी कर लिया। वैसे भी, 299 दिन के बाद एक ही सीरीज का टेस्ट खेलना बड़ा लंबा इंतजार था। इस देरी ने भारत की जीत की लय को बिगाड़ दिया। भारत 2021 में बेहतर टीम था और सीरीज को कम से कम 2-1 से जीतने का हकदार था। बीसीसीआई को न तो इसका फायदा मिला और न ही वे ट्रॉफी विजेता बन पाए। इसके अलावा इंग्लैंड को इस बात का भी फायदा मिला कि एजबेस्टन में उनका रिकॉर्ड बड़ा अच्छा रहा है। बड़ा स्टेडियम होने से ज़्यादा दर्शक टेस्ट देख सकते थे जिस से रिवेन्यू भी ज्यादा मिलता। 

वैसे आपको बता दें कि जैसे ही मैनचेस्टर का वह टेस्ट रद्द होने की ऑफिशियल घोषणा हुई तो लगभग सभी भारतीय खिलाड़ी अधूरे आईपीएल सीज़न को पूरा करने के लिए, अपनी-अपनी आईपीएल टीमों से जुड़ने के लिए एकदम यूएई भागे। उस साल कोविड के कारण आईपीएल को भी बीच में रोक दिया था और अब इसे टी20 वर्ल्ड कप से पहले पूरा करने के लिए, टूर्नामेंट के अधूरे हिस्से को यूएई ट्रांसफर कर दिया था। मैच रद्द होने के कुछ घंटों के अंदर, रोहित शर्मा, सूर्य कुमार यादव और जसप्रीत बुमराह को लेने तो एक चार्टर्ड प्लेन भी आ गया था और इन्हें दुबई में मुंबई इंडियंस के कैंप में शामिल होने में इन्हें ज्यादा देर न लगी। 

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और क्रिकेट पंडित माइकल वॉन ने द टेलीग्राफ अखबार में अपने एक कॉलम में साफ़ लिखा, 'सच ये है कि यह सब पैसे और आईपीएल के लिए हुआ। टेस्ट रद्द कर दिया क्योंकि खिलाड़ियों को डर था कि अगर कोविड की चपेट में आ गए तो आईपीएल मिस हो जाएगा। एक-दो हफ़्ते में हम आईपीएल देख रहे होंगे और खिलाड़ी मुस्कुराते और खुश होकर दौड़ रहे होंगे। उन्हें इंग्लैंड में हो रहे पीसीआर टेस्ट पर भरोसा करना चाहिए था। अब हम इस वायरस के बारे में बहुत कुछ जानते हैं। ये भी अब जान गए हैं कि इसे कैसे बेहतर तरीके से मैनेज और हैंडल करना है। खिलाड़ियों को डबल वैक्सीन लगाई जाती है, और बायोसिक्योरिटी को बहुत जल्दी और बेहतर कर सकते थे। '

वॉन ने आगे लिखा, ' हैरानी की बात तो ये कि भारत अपनी 20 खिलाड़ियों की टूर पार्टी में से 11 ऐसे खिलाड़ियों भी नहीं ढूंढ सका जो टेस्ट खेलते। ये टेस्ट खेलना चाहिए था।'

जब 2022 में, अधूरी टेस्ट सीरीज का बचा टेस्ट खेले तो बहुत कुछ बदल गया था। सबसे खास ये कि टीम इंडिया में जो जोश 2021 में देखने को मिला था, वह इस बार गायब था। भारतीय खिलाड़ी अभी भी, उस सीजन की आईपीएल के मूड से पूरी तरह बाहर नहीं आए थे। कुल मिलाकर इंग्लैंड में होने वाले इस अकेले टेस्ट के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार नहीं थे। दूसरी तरफ, इंग्लैंड ने तीन टेस्ट की न्यूजीलैंड के विरुद्ध सीरीज में क्लीन स्वीप किया था जिससे वे भारत के विरुद्ध टेस्ट के लिए भी फेवरिट बन गए थे। 

एजबेस्टन में पांचवें टेस्ट की आख़िरी सुबह इंग्लैंड ने भारत को हराने के लिए 378 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल किया। जो रूट और जॉनी बेयरस्टो के 100 की मदद से इंग्लैंड ने टेस्ट जीतने के लिए अपना सबसे बड़े लक्ष्य को हासिल किया और कुल मिलाकर टेस्ट में 9वें हासिल किए सबसे बड़े लक्ष्य का रिकॉर्ड बनाया। इसे इंग्लैंड की सबसे शानदार जीत में से एक माना जाता है। 

कुछ ख़ास बातें: 
* 2021 में भारत ने इंग्लैंड के साथ 8 टेस्ट खेले - भारत और इंग्लैंड में 4-4 टेस्ट।

* भारत के दर्शकों को ध्यान में रख, ECB ने टेस्ट में हर रोज खेल शुरू होने का समय लोकल 11 बजे से बदल 10:30 बजे कर दिया था।

* दोनों टीम में मैनेजमेंट में बदलाव हुआ था: ब्रेंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स आ गए क्रिस सिल्वरवुड और जो रूट की जगह क्रमशः कोच और कप्तान बनकर। इसी तरह विराट कोहली और रवि शास्त्री की जगह रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ आ गए। वैसे रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में भारत के कप्तान जसप्रीत बुमराह थे। इस तरह वे अनिल कुंबले के बाद भारत के पहले गेंदबाज कप्तान, कपिल देव के बाद उनके पहले तेज गेंदबाज कप्तान, भारत की कप्तानी करने वाले पहले विशेषज्ञ तेज गेंदबाज और राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद से, इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत के 8वें कप्तान बने।

* रवींद्र जडेजा (194 गेंद में 104 रन) ने भारत से बाहर अपना पहला टेस्ट 100 और कुल मिलाकर तीसरा टेस्ट 100 लगाया।

* ऋषभ पंत ने 89 गेंद में 100 लगाया और 111 गेंद में 19 चौकों और चार छक्कों की मदद से 146 रन बनाए। साथ ही जडेजा के साथ छठे विकेट के लिए 239 गेंद पर 222 रन की पार्टनरशिप में 133 रन बनाए।

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चरनपाल सिंह सोबती
 

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