पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में फिक्सिंग के मामले में सबसे पहला विवादित साल 2010 को गिनते हैं और कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) ने एशिया कप के दौरान जो देखा उसी से स्पॉट-फिक्सिंग घोटाले का पता चला था। सबसे मजेदार बात ये है कि न तो किसी पुलिस या जांच एजेंसी ने ये पिटारा खोला- एक बच्चे के खेल से ये किस्सा शुरू हुआ। इस सारे किस्से को और किसी ने नहीं, शाहिद अफरीदी ने अपनी बायोग्राफी में लिखा।
उस साल शाहिद अफरीदी तीनों फॉर्मेट में पाकिस्तान के कप्तान थे पर ज्यादा देर नहीं रहे। उस इंग्लिश समर से पहले वे श्रीलंका में एशिया कप और फिर कैरेबियन में वर्ल्ड टी20 में कप्तान थे और एशिया कप के दौरान उन्हें पहली बार पता चला कि कुछ गड़बड़ चल रही है। कैसे?
ये तो बाद में पता चला कि मजहर माजिद (Mazhar Majeed) नाम के एक प्लेयर एजेंट के इशारे पर ये सब हो रहा है और संयोग से अपने अब्बा के राज खोलने में मददगार बना उनका ही बेटा। रिकॉर्ड में ये आया कि माजिद मैसेज पढ़कर, उनके फिक्सिंग शुरू करने का पता चला पर ये अफरीदी ने लिखा कि उनका फ़ोन हाथ आया कैसे?