ये टी20 का दौर है- बल्लेबाज किस तेजी से रन बना सकते हैं इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। जब टी20 नहीं थे- उस दौर में खेले थे 2000 का एशिया कप। उसमें मोइन खान ने एक ऐसी पारी खेली कि बर बस कमेंटेटर के मुंह से निकल गया- मोइन मेंटल हो गया है। कमाल का खेले थे उस दिन मोइन।
भारत खेला था पर फाइनल में नहीं पहुंचे। 2000 तक भारत और श्रीलंका दोनों ही आम तौर पर टूर्नामेंट में पाकिस्तान पर हावी थे। इस बार, पाकिस्तान का इरादा कुछ और था- लगातार तीन मैच जीतने के बाद, चौथी जीत की भूख साफ़ दिखाई दे रही थी। 7 जून 2000- एशिया कप फाइनल पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच। दिन की शुरुआत श्रीलंका के सैनिकों की स्मृति में दो मिनट के मौन के साथ हुई और अंत पाकिस्तान के पहली बार एशिया कप जीतने के जश्न के साथ। पाकिस्तान ने 39 रन से रोमांचक जीत हासिल की।
ढाका का बंगबंधु नेशनल स्टेडियम खचाखच भरा था- जबर्दत शोर। मोइन ने जो किया, उससे सीधे 1992 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में उनकी बल्लेबाजी की याद ताजा हो गई- मानो वे रिप्ले दिखा रहे थे। उन दिनों में 80-85 का स्ट्राइक रेट ही बहुत अच्छा माना जाता था पर मोइन ने तो वर्ल्ड कप में 111 का स्ट्राइक रेट दर्ज किया था। मोइन खान थे तो विकेटकीपर पर ढाका में 31 गेंदों में 56* रन ठोक दिए और पाकिस्तान का स्कोर 277-4 पर पहुंचा दिया। 1992 में, ऑकलैंड में, मोइन खान ने न्यूजीलैंड को वर्ल्ड कप से बाहर किया था और 7 जून 2000 को, 8 साल बाद, यही सलूक श्रीलंका से आए क्रिकेटरों के साथ किया।