क्रिकेट के अनसुने किस्से (Cricket Tales) - हाल ही में लॉर्ड्स में जॉनी बेयरस्टो के, गेंद के डैड होने से पहले, क्रीज से आगे निकलने पर ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर के उन्हें स्टंप आउट करने का विवाद आज 'बहुत बड़ा' बन गया है। कई नए-पुराने क्रिकेटर तो इस पर बोले ही- इन दोनों देश के पीएम भी इस विवाद पर आपस में टकरा गए और माहौल और खराब हो गया। 'स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट' का एक ऐसा किस्सा जिसमे हालात ऐसे हो गए थे कि ढेरों दर्शक इंग्लैंड के खिलाडी टोनी ग्रेग के खून के प्यासे थे और स्टेडियम में दंगा भड़कने का पूरा माहौल बन गया था।
दिन था 3 फरवरी, 1974 का। वेस्टइंडीज के बरनार्ड जूलियन ने दिन की आखिरी गेंद को पिच के करीब खेला। टोनी ग्रेग ने सिली मिड ऑफ़ पर गेंद को फील्ड किया पर तभी देखा कि नॉन-स्ट्राइकर एल्विन कालीचरन पवेलियन की तरफ चल दिए हैं। ग्रेग ने उसी क्षण गेंद उनके स्टंप्स पर मारी- निशाना बिल्कुल सही रहा और अपील पर अंपायर ने कालीचरन को रन आउट दे दिया। शोर पर कालीचरन रुके, मुड़ कर देखा कि क्या हो रहा पर वे कुछ नहीं कर पाए और आउट के इशारे ने उन जैसे शांत क्रिकेटर का भी 'पारा' एकदम बढ़ा दिया- वे गुस्से में बैट जमीन पर पटकते हुए पवेलियन चले गए। पहले तो दर्शकों को समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या है पर जब स्टेडियम पर लगे स्कोर बोर्ड पर स्कोर 274-6 से बदलकर 274-7 किया गया तो उन्हें सब समझ आ गया। वे पवेलियन लौट रहे ग्रेग के वहीं खून के प्यासे हो गए और बुरी तरह से गालियां दे रहे थे- शोर कर रहे थे।
शुरू से देखें तो ये सीरीज का पहला टेस्ट था। माइक डेनेस टॉस हारे और ओवरकास्ट कंडीशन में उन्हें बल्लेबाजी के लिए कहा गया। नतीजा- इंग्लैंड 131 रन पर आउट। दूसरे दिन विकेट तो वेस्टइंडीज के भी गिरे पर छोटे कद के गुयाना के खब्बू कालीचरन जम गए और 30,000 से ज्यादा की भीड़ ने उनकी बल्लेबाजी का खूब मजा लिया। दिन की आख़िरी गेंद और स्कोर 274-6 था। गेंदबाज- डेरेक अंडरवुड थे। ग्रेग क्या, उस वक्त तो 142* पर बल्लेबाजी कर रहे कालीचरन को आउट करने के लिए हर कोई बेताब था। नॉन स्ट्राइकर कालीचरन क्रीज से बाहर निकले पर जब देखा कि ये रन वाला स्ट्रोक नहीं है तो इसे ओवर और दिन के खेल का अंत मानकर, वहीं से पवेलियन की तरफ चल दिए। ये सच है कि अंपायर डगलस सांग ह्यू ने तब तक 'ओवर' की आवाज नहीं लगाई थी और ग्रेग की बायोग्राफी के लेखक डेविड टॉसेल के अनुसार, अंपायर के पास बल्लेबाज को आउट देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। क्रिकेट लॉज़ के मुताबिक कालीचरन आउट थे।