Cricket Tales | क्रिकेट के अनसुने दिलचस्प किस्से - रणजी ट्रॉफी सीजन 2022-23 की एक ख़ास बात थी गुजरात-विदर्भ मैच। इसमें ख़ास बात थी गुजरात का जीत के लिए 73 रन भी न बना पाना और 54 रन पर ऑल आउट। कमाल किया आदित्य सरवटे ने और विदर्भ को भारत के फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में सबसे कम स्कोर का बचाव करने में मदद की- 73 रन। खब्बू सरवटे ने मैच में 11 विकेट लिए और विदर्भ ने गुजरात को 18 रन से हरा दिया। जो कम से कम स्कोर जीत के लिए नहीं बना, उसका पिछला रणजी ट्रॉफी रिकॉर्ड था 78 रन जो 1948-49 सीज़न में जमशेदपुर में दिल्ली के विरुद्ध बिहार ने बनाया था।
सरवटे ने ये कमाल किया था उसी नागपुर में जहां इससे लगभग एक महीने बाद, ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अश्विन और जडेजा ऐसे ही चले और टेस्ट जीते। पिच फर्क थी- रणजी मैच एक साइड पिच पर था, जबकि टेस्ट एक सेंटर स्ट्रिप पर खेला गया। तब भी- मैच में पहले दिन 15 और अगले दिन 16 विकेट गिरे।
पुराने टेस्ट या वनडे इंटरनेशनल का ब्यौरा तो फिर भी कहीं मिल जाएगा- पुराने रणजी मैच का रिकॉर्ड पाना आसान नहीं। इसीलिए, 1949 में बिहार ने जो कमाल किया वह हैरान करने वाला तो था, पर उसका ज्यादा ब्यौरा उपलब्ध नहीं। इसे भारत में खेले सबसे रोमांचक मैचों में से एक गिनते हैं। जब सिर्फ 78 का बचाव करना हो तो कौन सी टीम जीत के बारे में सोचेगी? दिल्ली ने जब पिछली रात के 32/2 के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया तो ये मान कर खेले कि मैच में सिर्फ वे जीतेंगे- दिल्ली टीम के मैनेजर को जीत का इतना भरोसा था कि उन्होंने जीत के जश्न के लंच के लिए इनविटेशन तक भेज दिए थे। जब सिर्फ 78 रन बनाने हों तो उनका ऐसा सोचना गलत नहीं था।