सबसे कम उम्र में, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में, 100 के रिकॉर्ड (मैच के पहले दिन की उम्र) में टॉप पर मोहम्मद अकरम (12 साल 217 दिन) का नाम है और उसके बाद क्रम से रिजवान सत्तार, अरिफुल हक, आसिफ मुसज़ई और ध्रुव पांडव (Dhruv Pandove,14 साल 293 दिन) के नाम हैं। कौन ध्रुव पांडव? उसके बाद इनके क्रिकेट करियर का क्या हुआ?
सब भूल गए और इसमें किसी की कोई गलती नहीं। बीता समय सब भुला देता है और यही ध्रुव पांडव के साथ हुआ। अब उन्हें याद करने की वजह- एक और युवा क्रिकेटर जिसका नाम ऋषभ पंत है। इन दिनों ऋषभ पंत का नाम लेते ही सिर्फ उनके एक्सीडेंट का जिक्र होता है और हर कोई यही कहेगा कि वे भाग्यशाली रहे कि इतने बड़े हादसे के बावजूद हमारे साथ हैं। अफ़सोस ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स, इंग्लैंड के बेन हेलिओक और टॉम मेनार्ड तथा वेस्ट इंडीज के रूनाको मोर्टन और लॉरी विलियम्स जैसे उनकी तरह खुशकिस्मत नहीं थे और रोड एक्सीडेंट में जान गंवाई। इसी लिस्ट में ध्रुव पांडव का नाम भी जोड़ा जा सकता है।
एक बेहतरीन टेलेंट जिसकी सड़क दुर्घटना में जान गई 1992 में। तब लगभग 18 साल के थे। खब्बू बल्लेबाज, महज 13 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में आए और तब उन्हें भारत की भविष्य की उम्मीद कहते थे और कई जगह तो उन्हें सचिन तेंदुलकर के बराबर की टेलेंट कहते थे। लगभग 30 साल पहले- 31 जनवरी 1992 को अंबाला के पास उनकी रोड एक्सीडेंट में मौत हुई थी।
आप मोहाली के आईएस बिंद्रा पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम जाएं तो स्टेडियम के कॉन्फ्रेंस रूम के दरवाजे पर जिस नौजवान की फोटो लगी है- वह ध्रुव पांडव हैं। उनका एक और परिचय- पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई में कई साल, अलग-अलग पोस्ट पर रहे एमपी पांडव (खुद फर्स्ट क्लास क्रिकेटर- 75 मैच) के बेटे थे। सच तो ये है कि वे खुद ध्रुव के पहले कोच थे और उन्हीं की ट्रेनिंग में ध्रुव, जूनियर से सीनियर क्रिकेट का सफर बड़ी कामयाबी से तय कर रहे थे और तभी एक्सीडेंट हुआ। लगभग 13 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास डेब्यू, 14 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास 100 और सिर्फ 17 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में 1000 रन- ये आज तक रिकॉर्ड है।
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— CRICKETNMORE (@cricketnmore) January 3, 2023