5 टेस्ट मैचों में लगातार 5 शतक लगाने वाले इंडिया के पहले और दुनिया के तीसरे टेस्ट क्रिकेटर गौतम गंभीर ने जिस जज्बे के साथ टेस्ट क्रिकेट में ख्याती पाई थी तो उससे लग रहा था कि यह बल्लेबाज इंडिया के लिए लंबी रेस का घोड़ा साबित होगा ।
इंडिया और इंग्लैंड के साथ संपन्न हुए टेस्ट सीरीज में इंडियन बल्लेबाजों का फॉर्म इंडिया के सिलेक्टरों के लिए सिर दर्द बन गया है । जब सिलेक्टरों ने गौतम गंभीर को तीसरे ओपनर की हैसियत से इंग्लैंड का टिकट दिया था तो किसी को अंदाजा भी नहीं हुआ होगा कि आने वाले इंग्लैंड सीरीज में इंडियन ओपनर बल्लेबाजों से लेकर पूरी इंडियन बल्लेबाजी इंग्लैंड के बॉलरों के सामने इस तरह से नसमस्तक हो जाएगी ।
पूरी इंग्लैंड सीरीज में इंडिया की ओपनिंग बल्लेबाजी फ्लॉप रही । पहले तीन टेस्ट में जब इंडिया के ओपनर शिखर धवन कोई करामात नहीं दिखा पाए तो टीम मैनेजमेंट और कप्तान ने गौतम गंभीर को आखिरी के दो टेस्ट खिलाने का फैसला किया । मैनचेस्टर पर इंग्लैंड के साथ चौथे टेस्ट में गंभीर जब मैदान पर बल्लेबाजी करने गए तो दिसंबर 2012 के बाद यह पहला मौका था जब गंभीर कोई टेस्ट मैच खेलने मैदान के बीच में थे। पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि गंभीर के लिए इंडियन टीम में अपनी जगह को फिक्स करने का यह आखिरी मौका है । इंग्लैंड की धारदार बॉलिंग के सामने गंभीर बिल्कुल ही असहज दिखाई पड़े । अपने बल्लेबाजी के दौरान गंभीर ना तो आत्मविश्वास से नजर आए ना ही इंग्लैंड बॉलरों के सामने संघर्ष कर पाए । मैनचेस्टर टेस्ट में गंभीर बाउंस लेती पिच पर बिल्कुल ही घबराए हुए नजर आए । इंग्लैंड सीरीज में पहला मैच खेल रहे गंभीर इंग्लैंड फास्ट बॉलर स्टुअर्ट ब्रॉर्ड की 140.9 kph की रफ्तार से फेंकी गई बॉल पर ढ़ंग से खेल नहीं पाए और गली में कैच दे बैठे थे। मैच में गंभीर ने 7 बॉल पर केवल 4 रन ही बना पाए थे। दूसरी पारी में गंभीर ने कुछ हद तक संघर्ष करने की कोशिश करी थी फिर भी कई बॉल पर वो असहज नजर आए थे। दूसरी इनिंग में गंभीर 53 बॉल खेलकर 18 रन बनाए थे। अपने 18 रन की पारी में गंभीर बिल्कुल भी असरदार नहीं दिखे थे।