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एक खिलाड़ी को रोकने के लिए ICC की नई गाइडलाइन और 'प्रगति' के दावे से यू-टर्न

आईसीसी बोर्ड ने वर्ल्ड कप फाइनल के बाद, अपनी मीटिंग में जो कुछ फैसले लिए उनमें से एक ख़ास और बड़ा फैसला ये है कि ट्रांसजेंडर महिलाओं के इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध। मौजूदा कंडीशन ये थी कि खिलाड़ियों को

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti November 30, 2023 • 13:43 PM
International Cricket Council  Bans Transgender Players From International Women's Cricket
International Cricket Council  Bans Transgender Players From International Women's Cricket (Image Source: Google)
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महिला स्पोर्ट्स में इस साल दो खास डेब्यू हुए-  कनाडा के लिए 21 जुलाई 2023 को क्विन ने फीफा वर्ल्ड कप और 4 सितंबर 2023 को डेनिएल मैकगेही का इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया। ये दोनों ट्रांसजेंडर खिलाड़ी हैं और इन खेलों में इंटरनेशनल खेलने वाली पहली खिलाड़ी। कनाडा के मैकगैही को टी20 इंटरनेशनल टीम में चुनते ही क्रिकेट में लिंग पर बहस तेज हो गई थी- कई और खेल में भी इसकी मिसाल दी गई। 

डेनिएल मैकगेही- ऑस्ट्रेलिया में जन्म, उम्र 29 साल, फरवरी 2020 में कनाडा माइग्रेट और उसी साल नवंबर में 'महिला' बन गई। क्रिकेट में आईसीसी की ट्रांसजेंडर के खेलने की गाइडलाइन को पढ़ा और मई 2021 में उन मेडिकल शर्तों को पूरा करना शुरू कर दिया। तब तक कनाडा टीम में आ गई थीं और कनाडा की बांग्लादेश में 2024 महिला टी20 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश में ख़ास नाम थीं। 4 सितंबर से लॉस एंजिल्स (यूएसए) में इसी वर्ल्ड कप के एक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में हिस्सा लिया- डेब्यू किया ब्राजील के विरुद्ध। चूंकि आईसीसी ट्रांसजेंडर को इंटरनेशनल मैच खेलने से नहीं रोकता इसलिए क्रिकेट की दुनिया में कोई तमाशा नहीं हुआ। एथलेटिक्स, साइकिलिंग और तैराकी जैसे कई खेल सुरक्षा और बराबरी का मौका देने की दलील पर ट्रांसजेंडर एथलीट पर प्रतिबंध की शर्त सख्त करते जा रहे हैं और क्रिकेट में ये डेब्यू हो गया। इस तरह से क्रिकेट में एक बड़ा और ऐतिहासिक डेब्यू हुआ एक ट्रांसजेंडर खिलाड़ी का। 

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आईसीसी की मौजूदा गाइडलाइन (2021 में अपडेट) के हिसाब से ट्रांस महिला तब मैच खेल सकती थी जब- 
* उनके रक्त सीरम (blood serum) में टेस्टोस्टेरोन (testosterone) स्तर लगातार 5nmolL1 (प्रति लीटर) से कम हो- कम से कम पिछले 12 महीने में। 
* जब तक ये लेवल रहेगा और एथलीट महिला मैच खेलने को तैयार हो- तब तक खेल सकता है।  
* पुरुष से महिला ट्रांस खिलाड़ी को 'मेडिकल ऑफिसर' को लिखित में देना होगा कि वह 'महिला' है।
* खिलाड़ी प्रोफ़ाइल में बताए कि किसके विरुद्ध खेले और कितने रन बनाए/विकेट लिए।   

मैकगेही ने इन शर्तों को पूरा किया और अपने समुदाय के लिए नया रास्ता खोला। इनमें से टेस्टोस्टेरोन लेवल सबसे मुश्किल शर्त है और मैकगेही ने इसके लिए दो साल से भी ज्यादा से हर महीने ब्लड टेस्ट करवाया। डॉक्टर को लिखित में पूरी मेडिकल हिस्ट्री, कब युवा हुए, कोई सर्जरी बताने का प्रोटोकॉल भी पूरा किया।  

सच ये है कि कनाडा ने तो मैकगेही को अक्टूबर 2022 में साउथ अमेरिकी चैंपियनशिप में ही खिला दिया था- ये वैसे तो टी20 का इंटरनेशनल टूर्नामेंट था पर कनाडा 'गैस्ट' था और उनके मैच इंटरनेशनल नहीं गिने गए। इसलिए तब कनाडा ने आईसीसी की ट्रांसजेंडर महिला की गाइडलाइन की चिंता नहीं की। वहां 3 पारी में 237 रन बनाए और टूर्नामेंट का एकमात्र 100 भी।

ऐसी खिलाड़ी के खेलने से दिक्कत के जिक्र में जिस ख़ास मुद्दे पर बात अटकती है वह ये कि ऐसे एथलीट कहीं न कहीं 'सामान्य महिला' से पावरफुल होंगे और एक ही इवेंट में हिस्सा लेते हुए इसी बेहतर शारीरिक क्षमता का फायदा उठा जाएंगे। आईसीसी ने इसीलिए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) की ट्रांसजेंडर एथलीट पर गाइडलाइन को ही लगभग अपनाया था।मैकगैही को ऐसा कोई फायदा नहीं मिला और अब तक 6 टी20 इंटरनेशनल में सिर्फ 118 रन बनाए हैं। 

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ये रिकॉर्ड अब यहीं रुक गया है और आईसीसी के नई गाइडलाइन जारी करते ही मैकगैही ने इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर होने का फैसला ले लिया। सिर्फ एक खिलाड़ी के खेलने से आईसीसी ने इतना सब कुछ किया और सालों से जिस 'प्रगति' की बात कर रहे थे- उससे यू-टर्न ले लिया।
 



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