1984 का पहला एशिया कप खेला गया शारजाह में और शारजाह है अरब के उन 7 अमिरात में से एक जो मिलकर बने यूनाइटेड अरब अमिरात यानि कि यूएई। तब दुबई और शारजाह आज जैसे भव्य, आधुनिक और चकाचौंध वाले नहीं थे। शारजाह में इंग्लिश अखबार से ज्यादा अरबी भाषा की अखबार पढ़ी जाती थी। किसी लाइब्रेरी में, तब की कोई अरबी अखबार मिल जाए तो मैचों की रिपोर्ट में, या टीम इंडिया के जिक्र में, एक क्रिकेटर का नाम 'जावद असकर' लिखा होगा पर मजे की बात है कि इस नाम के किसी क्रिकेटर का टीम इंडिया के लिए उस एशिया कप में खेलना तो दूर, आज तक इस नाम का कोई क्रिकेटर नहीं खेला है। तो कौन था ये?
असल में हुआ ये कि वहां के अरबी भाषा के अखबार तब सुनील गावस्कर को 'जावद असकर (JAVAD ASKAR)' लिखते थे। सिर्फ उस एशिया कप में ही नहीं, तब से जब शारजाह में क्रिकेट खेलने का सिलसिला शुरू हुआ। शारजाह में 1984 के एशिया कप से पहले, 1981 में गावस्कर इलेवन-जावेद मियांदाद इलेवन के बीच एक वनडे (अन-ऑफिशियल) और 1982 में दो दिन का डबल विकेट टूर्नामेंट खेले थे। नाम की ये गड़बड़ इन मैचों से ही शुरू हो गई थी। दूसरी तरफ सच्चाई ये हैं कि इन मैचों में दर्शकों की भारी भीड़ को देखकर ही अब्दुल रहमान बुख़ातिर ने 1984 में यहां एशिया कप आयोजित करने का दावा पेश किया था।
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