भारतीय क्रिकेट के हाल के सालों के सबसे चर्चित नाम में से एक है अजय जडेजा का। अच्छी या ख़राब- उनके बारे में खबर आती रहीं पर ये तय है कि एक बार मैच फिक्सिंग में नाम आने और बीसीसीआई के उन पर बैन लगाने के बाद वे कभी बीसीसीआई की किसी स्कीम/कमेटी में फिट नहीं किए गए। ये तो मालूम था कि वे जामनगर राज घराने से हैं पर 2024 के साल में दशहरा का दिन उनके लिए एक बड़ी खबर लाया और उन्हें शाही सिंहासन का उत्तराधिकारी नामित किया गया। इस तरह अजय जडेजा, जामनगर (Jamnagar) के अगले जाम साहब (Jam Saheb) होंगे।
इस खबर का क्रिकेट कनेक्शन सिर्फ अजय जडेजा नहीं हैं। ये राजघराना 19वीं शताब्दी से भारतीय क्रिकेट की चर्चाओं में है और इससे बड़ी बात और क्या होगी कि भारत की दो सबसे बड़ी घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट चैंपियनशिप में ट्रॉफी पर इसी राजघराने से जुड़े नाम हैं- रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी।
पहले ये रियासत नवानगर (Nawanagar) के नाम से मशहूर थी और बाद में इसे जामनगर का नाम मिला। गुजरात की मिट्टी में क्रिकेट की खुश्बू का बहुत कुछ श्रेय इसी नवानगर को दिया जाता है। इस समय गुजरात से तीन रणजी टीम खेलती हैं- सौराष्ट्र (इस समय चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा के लिए मशहूर), बड़ौदा (इस समय हार्दिक पांड्या के लिए मशहूर) और खुद गुजरात।