शेन वार्न के निधन पर, उनके प्रति, ऑस्ट्रेलिया में, श्रद्धांजलि अर्पित करने का क्रिकेट प्रेमियों का अलग-अलग तरीका था। किसी ने एमसीजी के बाहर उनकी मूर्ति पर फूल रखे तो किसी ने एससीजी के गेट पर। एक क्रिकेट प्रेमी ने एससीजी के गेट पर बेक बींस का टिन पैक रख दिया। ये कैसा तरीका था शेन वार्न को याद करने का?
असल में उस टिन पैक से, उस क्रिकेट प्रेमी ने सीधे शेन वार्न के नाम के साथ जुड़े बींस के किस्सों के साथ जोड़ दिया। ये किसी से छिपा नहीं कि न सिर्फ शेन को, उनके पूरे परिवार को बींस और स्पेगेटी खाने का बड़ा शौक था। इस साल जनवरी में ही तो उनके बेटे ने बताया था कि क्राउन केसिनो में नाश्ते की टेबल पर वार्न के एक एक्शन से हलचल मच गई थी- सब कुछ रखा था वहां नाश्ते के लिए पर वार्न ने साथ में लाए बींस और स्पेगेटी के टिन खोल लिए और उन्हें टोस्ट पर रखकर खाया।
इसी से जुड़ा एक किस्सा 1998 के भारत टूर का है- तब कुछ ऐसा हुआ जिसकी सफाई देते-देते उनकी सारी जिंदगी निकल गई पर किस्सा ख़त्म नहीं हुआ। ये टूर वार्न को खूब याद रहा। शेन वार्न की भारत में पहली टेस्ट सीरीज। सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिद्धू की बैटिंग ने वार्न को परेशानी में डाल दिया था। इसी टूर में उनके नाम के साथ वह हेनज़ बेक्ड बींस और स्पेगेटी का किस्सा जुड़ा, जिसे 'झूठ और गलत' करार देने में उनकी जिंदगी निकल गई। क्या था ये किस्सा?