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सचिन तेंदुलकर ने 21 साल तक देश का बोझ अपने कंधों पर ढोया है, जब पूरा हुआ वर्ल्ड कप जीत का सपना

2011 वनडे वर्ल्ड कप को लीजेंड सचिन तेंदुलकर के लिए प्रतिष्ठा पाने का आखिरी मौका माना गया था।सचिन ने भारत की इंग्लैंड में 1983 की वर्ल्ड कप जीत को टीवी पर एक बच्चे के रूप में देखा था और जब

IANS News
By IANS News April 24, 2023 • 09:43 AM
When Sachin Tendulkar's long wait for glory ended with 2011 ODI World Cup triumph
When Sachin Tendulkar's long wait for glory ended with 2011 ODI World Cup triumph (Image Source: Google)
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2011 वनडे वर्ल्ड कप को लीजेंड सचिन तेंदुलकर के लिए प्रतिष्ठा पाने का आखिरी मौका माना गया था।सचिन ने भारत की इंग्लैंड में 1983 की वर्ल्ड कप जीत को टीवी पर एक बच्चे के रूप में देखा था और जब भारत और पाकिस्तान ने 1987 में वर्ल्ड कप की संयुक्त रूप से मेजबानी की तो वह बॉल ब्वाय की भूमिका में थे। एक खिलाड़ी के रूप में वह 1992 से हर वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे लेकिन वर्ल्ड कप उनसे दूर ही रहा।

वह 2003 में दक्षिण अफ्रीका में हुए वर्ल्ड कप में ट्रॉफी पर हाथ लगाने के करीब आ गए थे। जहां वह 11 मैचों में 673 रन के साथ शीर्ष स्कोरर थे और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे। हालांकि भारत फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था।

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लेकिन 2011 में भारत ने श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ संयुक्त रूप से वर्ल्ड कप आयोजित किया। इस बात की प्रबल संभावना थी कि भारत सचिन के लिए ट्रॉफी जीते जो वर्ल्ड टूर्नामेंट के लिए उनका आखिरी मौका होगा।

अनुभवी बल्लेबाजी लाइन अप के सबसे सीनियर सदस्य के रूप में सचिन ने इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक बनाये। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में 53 रन बनाये और मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में 85 रन बनाये जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।

अपने गृहनगर मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ खिताबी मुकाबले में सचिन मात्र 18 रन ही बना पाए लेकिन गौतम गंभीर और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की दो बेहतरीन पारियों ने सचिन का वर्ल्ड विजेता बनने का सपना पूरा कर दिया।

युवराज सिंह ने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार लिया जबकि सचिन श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान (500) के बाद 482 रनों के साथ दूसरे शीर्ष स्कोरर रहे।

वर्ल्ड कप जीतने के बाद सचिन को साथी खिलाड़ियों ने कंधों पर उठाकर मैदान का चक्कर लगाया। टीम के नए सदस्य विराट कोहली ने कहा, "सचिन ने 21 वर्षों तक देश का बोझ अपने कंधों पर ढोया है। अब समय है कि हम उन्हें कंधों पर लेकर चलें।"

बाद में युवराज ने कहा कि एक खास व्यक्ति जिसके लिए वह वर्ल्ड कप जीतना चाहते थे वह सचिन हैं।

वर्ल्ड जीत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक 30 मिनट के विशेष रेडियो शो में सचिन ने कहा, "एक युवा लड़के के रूप में मैंने वर्ल्ड कप जीतने का सपना देखा था और अब इसे जीतने के बाद मेरे पास कुछ कहने के लिए शब्द नहीं हैं। यह मेरे करियर का सर्वश्रेष्ठ क्षण है। मैंने 21 साल इसके लिए इंतजार किया। यह कुछ खास है।"

उन्होंने कहा, "यह मेरा छठा वर्ल्ड कप है। हम एक बार सेमीफाइनल में हारे और एक बार फाइनल में। यह दिल तोड़ने वाला था। लेकिन आपको कभी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। यह मेरा सबसे बड़ा सपना था, मैंने इसका पीछा किया और यह सच हो गया।"

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सचिन को 2011 तक वर्ल्ड कप ट्रॉफी को हाथों में उठाने के लिए इंतजार करना पड़ा जिससे पता चलता है कि वह इसके लिए तैयार थे।


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