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खेल की सीमाओं से परे : पैरालंपिक टेबल टेनिस में कैसे होता है खिलाड़ियों का वर्गीकरण

Sonalben Manubhai Patel: पैरालंपिक गेम्स सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति, अथक प्रयास और मानवीय भावनाओं का एक अद्भुत मिश्रण हैं। 28 सितंबर से पेरिस में शुरू होने जा रहे पैरालंपिक खेलों में टेबल टेनिस भी एक प्रमुख इवेंट के तौर पर खेला जाएगा। टेबल टेनिस 1960 के रोम पैरालंपिक में अपनी शुरुआत के बाद से लगातार विकसित होता रहा है, और आज दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरित करता है।

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IANS News
By IANS News August 24, 2024 • 19:10 PM
Bhavina Patel,Sonalben Manubhai Patel,
Bhavina Patel,Sonalben Manubhai Patel, (Image Source: IANS)

Sonalben Manubhai Patel: पैरालंपिक गेम्स सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति, अथक प्रयास और मानवीय भावनाओं का एक अद्भुत मिश्रण हैं। 28 सितंबर से पेरिस में शुरू होने जा रहे पैरालंपिक खेलों में टेबल टेनिस भी एक प्रमुख इवेंट के तौर पर खेला जाएगा। टेबल टेनिस 1960 के रोम पैरालंपिक में अपनी शुरुआत के बाद से लगातार विकसित होता रहा है, और आज दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरित करता है।

यह जानकर हैरानी होगी कि पैरालंपिक टेबल टेनिस का इतिहास ओलंपिक टेबल टेनिस से भी पुराना है। टेबल टेनिस ओलंपिक में 1988 में ही आया था। आज, टेबल टेनिस पैरालंपिक खेलों में तीसरा सबसे बड़ा खेल है। दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में 40 मिलियन से अधिक खिलाड़ी इस खेल से जुड़े हुए हैं। ये खिलाड़ी पैरालंपिक जैसे मेगा इवेंट में अपनी शारीरिक सीमाओं को पार करते हैं।

आपको यह जानकर भी हैरानी हो सकती है कि भारत, जो ओलंपिक में एक भी टेबल टेनिस पदक नहीं जीत पाया है, वह पैरालंपिक टेबल टेनिस में जीत चुका है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत की भवीना पटेल ने इस इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था।

शुरुआत में केवल व्हीलचेयर एथलीटों के लिए सीमित पैरा टेबल टेनिस, आज विभिन्न प्रकार के शारीरिक इम्पेयरमेंट वाले एथलीटों का मंच बन चुका है। इन एथलीटों को उनकी क्षमताओं के आधार पर 11 वर्गों में बांटा गया है।

पैरालंपिक टेबल टेनिस के नियम ओलंपिक टेबल टेनिस से मिलते-जुलते हैं, लेकिन कुछ बदलावों के साथ। यहां खिलाड़ी अपने इम्पेयरमेंट के अनुसार कुछ टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन एक बात हमेशा समान रहती है - खेल भावना। और यही पर वर्गीकरण सभी टेबल टेनिस खिलाड़ियों को उनके शारीरिक इम्पेयरमेंट के हिसाब से एक समान अवसर का मंच प्रदान करता है।

टेबल टेनिस के 11 वर्ग हैं। पांच वर्ग सीटिंग के हैं और छह वर्ग स्टैंडिंग के। यहां भी खिलाड़ी की क्लास बताने के लिए अक्षर और नंबर इस्तेमाल होते हैं। जैसे 'टीटी' अक्षर टेबल टेनिस को इंगित करता है।

जैसा की आमतौर पर पैरालंपिक में होता है कि कम नंबर बड़े इम्पेयरमेंट को व्यक्त करता है। यहां नंबर एक शारीरिक तौर पर सर्वाधिक चुनौती से जूझ रहे एथलीटों के लिए है और 5 सबसे कम वाले एथलीटों के लिए। इसलिए टेबल टेनिस में टीटी1 से टीटी5 तक के वर्ग व्हीलचेयर वर्ग हैं।

टीटी6 से टीटी10 तक स्टैंडिंग वर्ग हैं, जहां 6 सर्वाधिक इम्पेयरमेंट वाले एथलीटों का वर्ग है और 10 सबसे कम इम्पेयरमेंट वाले एथलीटों का।

टीटी11 बौद्धिक इम्पेयरमेंट से जूझ रहे खिलाड़ियों के लिए है।

जैसा कि बताया गया है कि पैरालंपिक टेबल टेनिस के नियम ओलंपिक टेबल टेनिस जैसे ही होते हैं। लेकिन खिलाड़ियों की इम्पेयरमेंट के हिसाब से स्वाभाविक तौर पर नियमों में कुछ लचीलापन है। जैसे जो खिलाड़ी पैडल को मजबूती से नहीं पकड़ सकते हैं, वे बैट को अपने हाथ से बांध सकते हैं या बैट और हाथ को जोड़ने के लिए इलास्टिक बैंड का उपयोग कर सकते हैं। नियमों के अनुसार, कुछ स्टैंडिंग खिलाड़ी विशेष रूप से वर्ग 6 से 8 में छड़ी या बैसाखी का उपयोग कर सकते हैं।

टीटी11 बौद्धिक इम्पेयरमेंट से जूझ रहे खिलाड़ियों के लिए है।

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Article Source: IANS


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