भारतीय खेल प्राधिकरण और हॉकी इंडिया ने शुक्रवार को नई दिल्ली के ऐतिहासिक मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में एक भव्य शताब्दी समारोह में भारतीय हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। यह समारोह खेल उत्कृष्टता, गौरव और एकता की एक शताब्दी का प्रतीक था, जिसने 1925 में भारतीय हॉकी की शुरुआत से लेकर आधुनिक युग में इसके पुनरुत्थान तक के सफर को सम्मानित किया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, संसदीय एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री थिरु उदयनिधि स्टालिन, ओडिशा के खेल एवं युवा सेवा मंत्री सूर्यवंशी सूरज, एफआईएच के अध्यक्ष दातो तैय्यब इकराम, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, हॉकी के दिग्गज और राष्ट्रीय टीमों के सदस्य उपस्थित थे।
केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मंडाविया ने कहा, "इस खेल ने कई पड़ाव देखे हैं और ओलंपिक में हॉकी के माध्यम से ही हमने दुनिया को दिखाया कि भारत खेलों में क्या हासिल कर सकता है। हमने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने समृद्ध इतिहास के साथ, भारतीय हॉकी एक बार फिर उभर रही है और एक और ओलंपिक पदक की ओर बढ़ रही है। जब देश भर में 1,000 से ज्यादा मैच खेले जा रहे हैं, तो पूरा भारत इस गौरवशाली क्षण का आनंद ले रहा है। भारत सरकार हमारे खिलाड़ियों और खेल को हर संभव तरीके से समर्थन देती रहेगी। मैं हॉकी इंडिया, खिलाड़ियों, कोचों और प्रशंसकों को इस उल्लेखनीय यात्रा का हिस्सा बनने के लिए बधाई देता हूं।"