Leslie hylton
दुनिया का अकेला इंटरनेशनल क्रिकेटर जिसे मर्डर के आरोप के बाद फांसी हुई- कौन और क्यों ?
बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन पर मर्डर का आरोप एक सनसनीखेज खबर नहीं तो और क्या है? सच है आरोप या झूठ- ये तो कोर्ट में तय होगा पर इतना तय है कि शाकिब ऐसे पहले क्रिकेटर नहीं जिन पर मर्डर का आरोप लगा है। इस लिस्ट में खालिद लतीफ (एक डच सांसद के मर्डर के लिए उकसाने का आरोप), नवजोत सिद्धू (1988 में एक रोड रेज का मामला), मोंटेग ड्रुइट (सबसे कुख्यात अपराधी क्रिकेटर के तौर पर मशहूर) और मोहम्मद शमी (पत्नी हसीन जहां ने ही मर्डर का आरोप लगाया) जैसे विविधता वाले मामले भी हैं। बहरहाल एक और किस्सा भी है जो वास्तव में मर्डर का है और उसमें तो क्रिकेटर को मर्डर की सबसे बड़ी सजा भी मिली- एकमात्र टेस्ट क्रिकेटर जिसकी मौत फांसी दिए जाने से हुई। बड़ा दिल को छूने वाला किस्सा है जिसमें ये भी पता चलता है कि वे कितने अभाग्यशाली थे।
ये थे वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज लेस्ली हिल्टन (Leslie Hylton) जो 1934-35 एवं 1939 की दो सीरीज में वेस्टइंडीज के लिए कुल 6 टेस्ट खेले (रिकॉर्ड : 26.12 औसत से 16 विकेट)। उन पर अपनी ही पत्नी के मर्डर का आरोप लगा, कोर्ट में बच नहीं पाए और उन्हें फांसी की सजा सुनाई। 1955 में किंग्स्टन में उन्हें फांसी दी गई और मर्डर के लिए फांसी की सजा पाने वाले अकेले क्रिकेटर हैं। ये किस्सा यूं तो यहीं खत्म हो जाता है पर जब इसके अंदर झांकें तो पता चलता है कि किस्मत ने उनके नाम क्या लिखा था?
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