नीदरलैंड्स से दूसरी बार हारा इंग्लैंड
सुपर 10 के अपने आखिरी मैच में नीदरलैंड्स ने इंग्लैंड को 45 रन से हरा दिया। 2009 के ट्वंटी20 वर्ल्ड कप के बाद नीदरलैंड्स के हाथों इंग्लैंड की यह दूसरी हार है। इससे पहले 2009 के वर्ल्ड कप के पहले मैच में नीदरलैंड्स ने इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया था।
इंग्लैंड की पूरी टीम 88 रन के स्कोर पर ही ऑल आउट हो गई। ये स्कोर ट्वंटी20 में एसोसिएट टीम के खिलाफ किसी रेगुलर टीम का सबसे कम स्कोर है। इंग्लैंड वो टीम जिसने अपने पिछले मैचों में 170 से ऊपर स्कोर किया वह नीदरलैंड्स के खिलाफ 100 का आकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई । बेशक नीदरलैंड्स अपने पिछले तीन मुकाबले हारी हो लेकिन उसने साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसी टीमों को कड़ी टक्कर दी थी।
टॉस जीतकर पहले नीदरलैंड्स को बल्लेबाजी के लिए बुलाने का इंग्लैंड का फैसला गलत साबित हुआ। इंग्लैंड के बॉलर नीदरलैंड्स के केवल पांच बल्लेबाजों को ही आउट कर पाए। पहले बल्लेबाजी करते हुए वैसले बरैशी(48) और स्टीफन मायबर्ग (39) की मदद से नीदरलैंड्स ने 20 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 133 रन बनाए। इंग्लैंड की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड रहे जिन्होंने 4 ओवर में 24 रन देकर 3 विकेट लिए।
134 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम की शुरूआत खराब रही और उसका कोई खिलाड़ी नीदरलैंड्स के गेंदबाजों के सामनें नहीं टिक सका। रवि बोपारा (18) ने इंग्लैंड की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाए। उनके अलावा हेल्स (12) और क्रिस जॉर्डन (14) के अलावा कोई प्लेयर क्रीज पर नहीं टिक सका। इंग्लैंड के हार के हीरो बने मुद्दसर बुखारी 3.2 ओवर में 11 रन देकर 3 विकेट लिए। इसमें हेल्स और लंब का विकेट भी शामिल था। इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। इसके अलावा वैन बीक ने 2 ओवर में 9 रन देकर 3 विकेट लिए।
नीदरलैंड्स – 133/5 (20 ओवर), वैसले बरैशी (48). स्टीफन मायबर्ग(39), स्टुअर्ट ब्रॉड (3/24)
इंग्लैंड – 88(17.4 ओवर), रवि बोपारा (18) , मुदद्सर बुखारी(3/11)