धोनी नहीं युवराज के दम पर भारत जीता वर्ल्ड कप; गौतम गंभीर ने फिर दिया बोल्ड बयान

Updated: Mon, Jun 12 2023 15:30 IST
धोनी नहीं युवराज के दम पर भारत जीता वर्ल्ड कप; गौतम गंभीर ने फिर दिया बोल्ड बयान (Image Source: Google)

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर अक्सर ही अपने मत खुलकर दुनिया के सामने रखते हैं। एक भी फिर ऐसा ही देखने को मिला है। गंभीर ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप और साल 2011 वनडे वर्ल्ड कप को याद करके युवराज सिंह को टूर्नामेंट का सबसे बड़ा खिलाड़ी बताया है। गंभीर का मानना है कि युवराज को अपने प्रदर्शन के लिए उतनी सराहना नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी। इसी बीच उन्होंने बोल्ड बयान देते हुए एक बार फिर यह कहा कि भारत सिर्फ धोनी की वजह से वर्ल्ड कप नहीं जीता, अगर ऐसा कोई खिलाड़ी है तो वो युवराज सिंह है।

गौतम गंभीर बोले, 'जब हम 2007 वर्ल्ड कप की बात करते हैं तो युवराज सिंह का नाम नहीं लेते। जब 2011 वर्ल्ड कप की बात करते हैं तो भी युवराज का नाम नहीं लेते। क्यों नहीं लेते? क्योंकि ये सब सिर्फ मार्केटिंग, पीआर और एक व्यक्ति को सबसे बड़ा दिखाने के लिए किया जाता है। आपको पता है बार-बार हमसे यह बोला जाता है कि साल 2007 और 2011 का वर्ल्ड कप भारत को किसने जिताया है। कोई भी एक खिलाड़ी टीम को वर्ल्ड कप नहीं जीता सकता, वो पूरी टीम ने जिताया था। अगर ऐसा होता तो आज भारत 5 या 10 वर्ल्ड कप जीत चुका होता।' 

उन्होंने आगे कहा, 'मेरा मानना है कि युवराज सिंह हिंदुस्तान की क्रिकेट के सबसे अंडररेटेड खिलाड़ी हैं। शायद दो वर्ल्ड कप किसी ने भारत को जिताए हैं तो वो युवराज सिंह हैं। वो भारत के लिए वॉइट बॉल क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी थे। मेरा मानना है टी20 वर्ल्ड कप या 2011 के वर्ल्ड कप में कोई टीम को फाइनल तक लेकर आया वो युवराज सिंह थे। दोनों टूर्नामेंट्स में वो शायद मैन ऑफ द टूर्नामेंट थे। मैंने उससे ज्यादा टैलेंटिड खिलाड़ी भारत में आज तक नहीं देखा।'

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इतना ही नहीं, गौतम गंभीर का यह भी मानना है कि भारत में टीम से ऊपर खिलाड़ी को देखा जाता है। इंडियन क्रिकेट में ब्रॉडकास्ट और मीडिया पूरा दिन सिर्फ एक खिलाड़ी पर फोक्स रखते हैं और फिर बाद में यह कहते हैं कि दूसरा खिलाड़ी अंडररेटेड है। गौरतलब है कि गंभीर की यह बात काफी हद तक सही नज़र आती है क्योंकि सोशल मीडिया पर अक्सर ही आईपीएल के दौरान रोहित और विराट फैंस आपस में एक दूसरे से भिड़ते नज़र आते हैं। बड़े टूर्नामेंट से पहले भी सिर्फ चुनिंदा खिलाड़ियों पर बातें करके उन्हें तुरुप का इक्का बताया जाता है। 

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