4 भारतीय खिलाड़ी जो बनकर रह गए बैकअप प्लेयर, अपार टैलेंट के बावजूद हुए नजरअंदाज
क्रिकेट जगत इस बात का गवाह है कि कई खिलाड़ी ऐसे हुए जिनके पास हदपार प्रतिभा थी लेकिन इसके बावजूद उन्हें अपनी काबिलियत दिखाने का पर्याप्त मौका नहीं मिला। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको ऐसे ही 4 भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे।
कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav)
कुलदीप यादव हमारी लिस्ट का हिस्सा हैं। इस बाएं हाथ के गेंदबाज को एक बैकअप प्लेयर के तौर पर ट्रीट किया जाता रहा है। हालांकि इसके बावजूद कुलदीप ने हर बार मौका मिलना पर खुद को साबित किया। कुलदीप के पास हदपार टैलेंट है और अब वह बैटिंग पर भी ध्यान दे रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वह एक सेकंड ऑप्शन बनकर रह गए हैं।
अक्षर पटेल (Axar Patel)
बाएं हाथ के ऑल राउंडर अक्षर पटेल में टैलेंट की कमी नहीं है। यह हरफनमौला खिलाड़ी बैटिंग और बॉलिंग दोनों से ही गेम में इम्पैक्ट डालता है, हालांकि इसके बावजूद उन्हें ब्लू जर्सी सिर्फ तभी पहनने का सौभाग्य मिलता है जब रविंद्र जडेजा उपलब्ध नहीं होते। कम शब्दों में कहें तो अक्षर पटेल अपार टैलेंट के बावजूद एक बैकअप प्लेयर बन चुके हैं। अक्षर ने अब एक इंडिया के लिए 40 टी20 और 48 वनडे मैच खेले हैं।
दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik)
दिनेश कार्तिक, एक ऐसा विकेटकीपर प्लेयर जिसे शुरुआती दिनों में भारतीय टीम का भविष्य माना जाता था। लेकिन इसी बीच इंडियन टीम में एंट्री हुई लंबे बालों वाले विकेटकीपर खिलाड़ी एमएस धोनी की। धोनी ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और शानदार विकेटकीपिंग स्टाइल से खुद को टीम का परमानेंट मेंबर बनाया।
यहां से जो हुआ वो इतिहास है, धोनी युग में किसी भी दूसरे विकेटकीपर के लिए दरवाजे बंद हो गए इन्ही में से एक थे दिनेश कार्तिक। शॉट में कहें तो दिनेश कार्तिक ने भी धोनी युग मे सिर्फ बैकअप प्लेयर के तौर पर इंडियन टीम में क्रिकेट खेला।
संजू सैमसन (Sanju Samson)
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हमारी लिस्ट में एक ओर विकेटकीपर बैटर शामिल है नाम संजू सैमसन। संजू में फर्स्ट क्लास से लेकर आईपीएल तक खुद को साबित किया है, लेकिन उन्हें ब्लू जर्सी पहनने के काफी कम मौके मिले। सैमसन इंडियन टीम का हिस्सा भी बनते हैं, लेकिन ज्यादातर मौके पर उन्हें सिर्फ बेंच गर्म करता देखा जाता है। यही वजह है इस खिलाड़ी को हमने अपनी लिस्ट में जोड़ा।